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Published: Mar 31, 2021 11:35 AM IST

नवभारत विशेषराहुल का भरोसा सिर्फ 4 कांग्रेसियों पर, असंतुष्ट व अन्य दरकिनार

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम
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पूरी तरह स्पष्ट है कि एकजुटता के तथाकथित दावे के बावजूद कांग्रेस पार्टी गुटों में बंटी हुई है. कुछ नेता सोनिया गांधी के नेतृत्व में ही अपना फायदा देखते हैं जबकि कुछ गिने-चुने नेता राहुल समर्थक हैं. कांग्रेस के जिन 23 असंतुष्ट नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में सुधार लाने और संगठनात्मक स्तर पर बदलाव लाने की मांग की थी उनमें गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा आदि का समावेश है.

ये नेता और खासतौर पर कपिल सिब्बल कह चुके हैं कि वे कांग्रेस से अलग बिल्कुल नहीं हैं और इस गुट को असंतुष्ट नेताओं का समूह बताना गलत है. पुराने नेताओं को सोनिया पर जितना भरोसा है, उतना राहुल पर नहीं है. राहुल गांधी भी जानबूझकर जी-23 की लामबंदी से खुद को बेखबर दिखाते हैं. जहां तक राहुल गांधी के विश्वसनीय सिपहसालारों की बात है, उनके विश्वसनीय नेताओं में केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और जितेंद्र सिंह प्रमुख हैं.

इन 4 नेताओं में राहुल के सबसे करीबी 49 वर्षीय जितेंद्र सिंह हैं जो अलवर राजघराने से ताल्लुक रखते हैं और असम विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रभारी बनाकर भेजे गए हैं. राहुल गांधी ने पार्टी के असंतुष्टों व अन्य को दरकिनार कर रखा है. वे अपने अधिकांश फैसलों के लिए इन 4 सिपहसालारों पर निर्भर रहते हैं.