संपादकीय

Published: May 03, 2022 01:07 PM IST

संपादकीय परीक्षा पैटर्न तय नहीं, राज्य के छात्रों से सरकार का खिलवाड़ा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

आखिर राज्य सरकार का रवैया कॉलेज छात्रों के प्रति इतना निर्मम क्यों है? परीक्षाओं को लेकर छात्रों से क्रूरतापूर्ण खेल खेला जा रहा है. महाराष्ट्र के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत के आफलाइन परीक्षा वाले निर्णय के बाद से विद्यार्थियों में भारी असमंजस की स्थिति है. परीक्षा किस पैटर्न से होगी- आनलाइन या आफलाइन इसका ठीक-ठीक जवाब अधिकारियों के पास भी नहीं है. फैसलों में एकरूपता नहीं है या कैसा विचित्र रवैया है.

कहीं कोई ठोस व स्पष्ट निर्णय नजर नहीं आता. राष्ट्र संत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने नया नोटिफिकेशन जारी कर एक बार फिर कॉलेजों सहित छात्रों की उलझन बढ़ा दी. 2 सप्ताह पूर्व जारी नोटिफिकेशन रद्द कर दिया गया लेकिन फिर भी परीक्षा के बारे में स्पष्ट नहीं किया गया कि वह आनलाइन पद्धति से ली जाएगी या आफलाइन होगी. पुराने नोटिफिकेशन के अनुसार परीक्षा आनलाइन और आफलाइन दोनों पद्धति से ली जानेवाली थी.

प्रैक्टिकल परीक्षाएं आफलाइन ली जानी थीं. इसके बाद उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री सामंन ने स्पष्ट कर दिया कि परीक्षा आफलाइन पद्धति से ही ली जाए ताकि समूचे राज्य में समानता बनी रहे. परीक्षा का पैटर्न अब तक तय नहीं होना छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है. पुराने नोटिफिकेशन के अनुसार 15 मई से लिखित परीक्षाएं ली जानी है. अब यदि आफलाइन परीक्षा ली जाती है तो फिर 3 घंटे का लिखित पेपर लेना होगा जिसके लिए विश्वविद्यालय की तैयारी नहीं है.

प्रश्नपत्र और उत्तरपत्रिकाएं छापने से लेकर पेपर सेट करने और मॉडरेशन में ही करीब 2 महीने का समय निकल जाएगा. दूसरी ओर यदि विश्वविद्यालय बहुप्रश्न पद्धति की परीक्षा लेना चाहे तो उसे मान्यता मिलेगी भी या नहीं. जब कोविड के सभी प्रतिबंध खत्म हो गए तो लिखित परीक्षा को ही मान्यता मिलेगी. उच्च शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालयों के बीच तालमेल नहीं होने से, छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. परीक्षा पैटर्न को लेकर शीघ्र निर्णय किया जाए ताकि छात्र एकाग्रता से तैयारी कर सकें.