संपादकीय

Published: May 20, 2022 03:01 PM IST

संपादकीयचिंतन शिविर के साथ ही कांग्रेस में इस्तीफे का दौर शुरू

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

कांग्रेस के नेताओं व कार्यकर्ताओं में असंतोष घुमड़ रहा है, इसीलिए चिंतन शिविर के बाद से पार्टी का खेमा उजड़ने लगा है. पार्टी की मनमानी नीतियों और शीर्ष नेताओं द्वारा अपनी उपेक्षा से क्षुब्ध होकर लोग कांग्रेस से नाता तोड़ने लगे हैं. इस तरह कांग्रेस में गतिशीलता आना तो दूर की बात है, कितने ही नेता पार्टी से दूर छिटकते चले जा रहे हैं. पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके सुनील जाखड़ ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस नेतृत्व को करारा झटका दिया.

पंजाब में कांग्रेस की हालत गलत फैसले के कारण बिगड़ती चली गई. कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम पद से हटाना और चरणजीतसिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाना पार्टी के लिए आत्मघाती रहा. नवजोतसिंह सिद्धू कांग्रेस की उम्मीदें पूरी नहीं कर पाए. इस अस्थिरता का लाभ उठाकर विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बाजी मार ली थी. जब सारे फैसले हाईकमांड ले रहा है तो प्रदेश अध्यक्ष को पूछने वाला कौन रहेगा? पंजाब में सुनील जाखड़ के बाद राजस्थान में युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया.

उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजे पत्र में खुद को दरकिनार करने और आवाज दबाने के आरोप लगाए. कांग्रेस को बड़ा आघात गुजरात में लगा जहां कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष व पटेल पाटीदार समाज के नेता हार्दिक पटेल ने पार्टी और पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पार्टी की रीति-नीतियों की आलोचना करते हुए राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उन पर तीखे आरोप लगाए और कहा कि मैं गुजरात के लिए कुछ करना चाहता था लेकिन कांग्रेस ने सिर्फ मेरा तिरस्कार ही किया. हार्दिक ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा, जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाना या जीएसटी लागू करने जैसे निर्णयों में कांग्रेस पार्टी सिर्फ बाधा ही डालती रही.

जब कांग्रेस को नेतृत्व की सबसे ज्यादा आवश्यकता थी तब उसके नेता विदेश में थे. राहुल गांधी पर बगैर नाम लिए फब्ती कसते हुए हार्दिक पटेल ने कहा कि हमारे जैसे कार्यकर्ता अपनी गाड़ी से अपने खर्च पर दिन में 500-600 किलोमीटर यात्रा कर जनता के बीच जाते हैं लेकिन गुजरात में पार्टी के बड़े नेता जनता के मुद्दों से दूर सिर्फ इस बात पर ध्यान देते हैं कि दिल्ली से आए हुए नेता को उनका चिकन सैंडविच समय पर मिला या नहीं? हार्दिक पटेल के इस्तीफा देने से गुजरात में कांग्रेस की उम्मीदों को गहरा झटका लगा है.