संपादकीय

Published: Apr 10, 2024 10:37 AM IST

संपादकीयनिरूपम के निशाने पर कीर्तिकर, महाराष्ट्र में खिचड़ी घोटाले की गूंज

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) में खिचड़ी घोटाला (Khichdi Scam) चर्चित हो रहा है। कांग्रेस (Congress) से निष्कासित किए गए संजय निरूपम (Sanjay Nirupam) इस मुद्दे पर शिवसेना (यूबीटी) को निशाने पर ले रहे हैं। शिवसेना (यूबीटी) ने अमोल कीर्तिकर (Amol Kirtikar ) को मुंबई उत्तर पश्चिम से लोकसभा उम्मीदवार घोषित किया है। इसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा। गत 27 मार्च को ईडी ने खिचड़ी घोटाले में पूछताछ के लिए कीर्तिकर को बुलाया था। इसके बाद उन्हें 29 मार्च को भी बुलाया गया। निरूपम को अखर गया कि कांग्रेस ने अपने सहयोगी दल यूबीटी को इस सीट पर दावा क्यों करने दिया।  

निरूपम ने कीर्तिकर पर खिचड़ी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है। कोरोना संकट के दौरान मुंबई में फंसे बेसहारा प्रवासी मजदूरों के लिए खिचड़ी बनाने और वितरित करने के लिए बृहन्मुंबई महानगर निगम (बीएमसी) ने कुछ कंपनियों को ठेका दिया था। यह घोटाला इसी से जुड़ा हुआ है। जनवरी में आदित्य ठाकरे के निकट सहयोगी व युवा सेना कार्यकर्ता सूरज चव्हाण को ईडी ने इस घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया। ईडी का आरोप था कि चव्हाण ने अपने राजनीतिक संबंधों का इस्तेमाल करते हुए ऐसी फर्मों को खिचड़ी का ठेका दिलवाया जो इसके लिए पात्र नहीं थीं।

ठेका हासिल करने के लिए इन फर्मों ने लाखों रुपयों का भुगतान किया जिसे कंसल्टंसी फीस बताया गया। ईडी ने आरोप लगाया कि सूरज चव्हाण ने इस घोटाले से हासिल 1। 35 करोड़ रुपए का इस्तेमाल फ्लैट और खेत खरीदने के लिए किया। उसने पर्सनल लोन चुकाए और डेयरी व्यवसाय शुरू किया। एजेंसी के आरोप पत्र में बीएमसी के एक अधिकारी के बयान का उल्लेख है जिसने दावा किया कि चव्हाण ने उससे एक फर्म को ठेका देने का अनुरोध किया था।  

ईडी ने यह भी दावा किया कि बीएमसी ने सह्याद्री रिफ्रेशमेंटस को 5। 93 करोड़ और फोर्स वन मल्टी सर्विसेज को 8। 64 करोड़ रुपए का भुगतान किया। इन कंपनियों ने दूसरों को ठेका देकर अवैध कमाई कर ली। ईडी ने सूरज चव्हाण की 88। 5 लाख रुपए की अचल संपत्ति अस्थायी तौर पर कुर्क कर ली। चव्हाण ने कहा कि यह रकम कर्मचारियों के वेतन तथा व्यक्तिगत कर्ज की थी जो उसे एक फर्म ने दिया था। सितंबर 2023 में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने अनेक व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी जिनमें सुजीत पाटकर, सुनील उर्फ बाला कदम, सह्याद्रि रिफ्रेशमेंट के राजीव सालुंके, फोर्स वन मल्टी सर्विसेज और स्नेहा कैटरर्स के कर्मचारियों और भागीदारों का समावेश था। इसके अगले महीने ईडी ने मनीलांड्रिंग का केस दर्ज किया।