संपादकीय

Published: Jun 09, 2022 03:08 PM IST

संपादकीयमंत्री पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप, ‘आप’ की छवि पर ध्यान दें केजरी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

अरविंद केजरीवाल को अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की उपज माना जाता है लेकिन उनकी दिल्ली सरकार के ही मंत्री सत्येंद्र जैन पर मनी लांड्रिंग का आरोप है. यह कैसा विरोधाभास है! देश के कितने ही लोग मानकर चल रहे हैं कि अपनी कर्मठता से केजरीवाल आगे चलकर राष्ट्रीय स्तर के बड़े नेता के रूप में उभर सकते हैं. उन्होंने दिल्ली के बाद पंजाब में भी अपनी पार्टी की सरकार बनाई है. इससे उनके राजनीतिक प्रभाव का परिचय मिलता है. 

वे हिमाचल प्रदेश में भी जीत का सपना देख रहे हैं. आगे चलकर बीजेपी को चुनौती दे सकने वाले नेताओं में ममता बनर्जी, के.चंद्रशेखर राव के अलावा नीतीश कुमार व केजरीवाल के नामों की चर्चा होती है. केजरीवाल इसलिए सफल हैं क्योंकि उनकी दिल्ली के अलावा पंजाब में भी सरकार है, जबकि बाकी नेताओं के पास एक-एक राज्य है. सरकारी स्कूलों का दर्जा सुधारने, मुफ्त बिजली-पानी देने, मोहल्ला क्लीनिक खोलने जैसी योजनाओं से केजरीवाल ने अपनी जनहितैषी छवि बनाई है. 

मोदी यदि विकास का गुजरात मॉडल लेकर चले तो केजरीवाल के पास भी दिल्ली मॉडल है जिसे वे पंजाब में लागू करना चाहते हैं. अपनी पार्टी को चुस्त बनाने के लिहाज से केजरीवाल ने 3 माह में 5 राज्यों की इकाइयां भंग कर दीं. उनके इरादे कितने भी नेक हों लेकिन थोड़ी सी भी गलती महंगी पड़ जाती है. दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के करीबी के घर से ईडी ने छापा मारकर 2.82 करोड़ रुपए कैश, सोने के बिस्किट और 133 सोने के सिक्के बरामद किए. 

सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी से तिलमिलाकर केजरीवाल ने कहा था कि उनके एक-एक मंत्री को निशाना बनाने की बजाय पूरे मंत्रिमंडल को ही एक साथ गिरफ्तार क्यों नहीं कर लिया जाता? इस तरह उत्तेजित होने की बजाय केजरीवाल संयम दिखाएं और अपनी सरकार में ईमानदार मंत्रियों को ही रखें. भ्रष्ट मंत्री उनकी और पार्टी की छवि ही बिगाड़ने का काम करेंगे.