संपादकीय

Published: Jul 07, 2021 04:04 PM IST

संपादकीयपाकिस्तान की नई चाल, अब बना रहा है पार्टटाइम आतंकी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

कश्मीर घाटी में सुरक्षा बल अब ऐसे आतंकियों की चुनौती से निपट रहे हैं जिनकी शिनाख्त कर पाना मुश्किल है. पाकिस्तान ने एक नई चाल चली है. उसने पार्टटाइम आतंकी या हाइब्रिड उग्रवादी तैयार किए हैं जो कि अचानक आकर हमला करते हैं और फिर अपने घर या किसी बस्ती में सुरक्षित पनाह ले लेते हैं. इसके बाद वे खामोशी से अगले हुक्म का इंतजार करते हैं और फिर किसी आतंकी कार्रवाई को अंजाम देते हैं. 

इनकी भूमिका स्लीपर सेल जैसी है. इन्हें पकड़ने पर भी पता नहीं चल पाता कि इनका मुखिया कौन है और किसके आदेश पर यह आतंकी वारदातें कर रहे हैं? ये पार्टटाइम आतंकी सामान्य जीवन जीते हैं, इसलिए किसी को इन पर शक नहीं होता. स्थानीय युवाओं को भड़काकर पार्टटाइम आतंकी बनने के लिए तैयार किया जाता है. इन दिनों कश्मीर में जो ड्रोन हमले किए गए, उसके लिए स्थानीय लोगों को ही पाकिस्तान ने इस्तेमाल किया. ये पार्टटाइम आतंकी सामान्य नागरिकों की तरह रहते हैं. उन्हें देखकर कोई सोच नहीं सकता कि ये किसी आतंकवादी संगठन के मोहरे या कठपुतली होंगे. 

ये शांत व निष्क्रिय बने रहकर आदेश की प्रतीक्षा करते हैं और जैसे ही संकेत मिला, किसी आतंकी वारदात करने के बाद अपने लोगों के बीच जाकर छिप जाते हैं और कोई सुराग भी नहीं छोड़ते. जब पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को भी बातचीत में शामिल किया जाना चाहिए, इसके बाद से ही ड्रोन हमलों की शुरुआत हुई. ड्रोन कहां से आया और कौन संचालित कर रहा है, यह तुरंत पता नहीं चलता. आतंकी सामने नजर आए तो पकड़ा या मारा जाता है लेकिन विस्फोटक युक्त ड्रोन किसने भेजा, इसकी भनक नहीं लगती. पाकिस्तान इसके लिए कश्मीर में ही रहने वाले पार्टटाइम आतंकियों की मदद ले रहा है.