संपादकीय

Published: Mar 04, 2020 10:08 AM IST

संपादकीयपहली बार किसी निर्णय के बारे में PM ने दिया पूर्व संकेत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी अपने किसी निर्णय का पूर्व संकेत नहीं देते लेकिन इस बार परंपरा से हटकर उन्होंने चौंकाने वाला ट्वीट करते हुए लिखा कि वे सोशल मीडिया छोड़ने का विचार कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर अत्यंत सक्रिय रहे पीएम ने कहा कि 8 मार्च को मैं फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब समेत अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट छोड़ने पर विचार कर रहा हूं. इसके पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कभी अपने इरादों की पूर्व सूचना नहीं दी. चाहे नोटबंदी का मामला हो या सर्जिकल स्ट्राइक अथवा अचानक कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना, इन सारे फैसलों की किसी को भनक तक नहीं लग पाई थी. मोदी हर बात गोपनीय रखते आए हैं लेकिन इस बार उन्होंने अपना मन्तव्य जाहिर कर दिया. पीएम की सोशल मीडिया पर सक्रियता किसी से छिपी नहीं है. यह बात गौर करने लायक है कि मोदी को टि्वटर पर 5,33,70,000 लोग फॉलो करते हैं. मोदी स्वयं भी 2,373 लोगों को फॉलो करते हैं. फेसबुक पर उन्हें 4,47,00,000 से ज्यादा लाइक मिले हैं. इंस्टाग्राम पर उनके 45,00,000 फॉलोअर्स हैं. सोशल मीडिया पर इतने एक्टिव रहने के बावजूद उससे मोदी का मोह भंग हो जाना सचमुच आश्चर्यजनक है. कहीं ऐसा तो नहीं है कि वे फेक न्यूज या दुष्प्रचार की वजह से नाराज हो गए हों? यह समस्याएं आज तो पैदा नहीं हुईं. व्यापक जनसंपर्क व करोड़ों लोगों से जुड़े रहने के लिए मोदी का सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना जरूरी है. मोदी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बहुत लोकप्रिय विश्वनेता हैं. इंटरनेट के सभी प्लेटफार्म पर लोगों ने उनसे सोशल मीडिया न छोड़ने का अनुरोध किया. टि्वटर पर ‘नो सर’ जमकर ट्रेंड हुआ. लगभग 1 घंटे में ही मोदी के ट्वीट को 26,000 बार रिट्वीट किया गया. एक ओर जहां एनसीपी ने मोदी के सोशल मीडिया छोड़ने के निर्णय को देशहित में बताते हुए उसका स्वागत किया, वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीएम से सवाल किया कि संत बनेंगे क्या? कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुटकी ली कि वैचारिक मतभेद तो चलते ही रहेंगे. आप सोशल मीडिया नहीं, नफरत छोड़िए!