संपादकीय

Published: Nov 03, 2021 03:24 PM IST

संपादकीयलोकलुभावन घोषणाएं, सभी पार्टियां अपने-अपने राज्यों में पहले लागू करें

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

चुनाव समीप आते ही सभी राजनीतिक दल जनता को लुभाने वाले वादे करने लग जाते हैं. वैसे चुनावी वादों के पीछे कोई कानूनी बाध्यता नहीं होती कि इन्हें लागू करना ही होगा. यह कोई कानून सम्मत कांट्रैक्ट नहीं होता, इसलिए चुनाव के बाद पार्टी इन वादों को या तो भुला देती हैं या उनसे मुकर जाती हैं. कहना होगा कि चुनावी वादे आमतौर पर हवा-हवाई होते हैं. इनके जरिए सपनों का जाल बिछाया जाता है ताकि मतदाता रूपी पंछी आकर फंस जाएं. कुछ माह बाद यूपी विधानसभा का चुनाव है. 

इसे देखते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा लगातार घोषणा किए जा रही हैं. पहले तो उन्होंने चुनाव में महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने का एलान किया, अब उन्होंने महिलाओं के लिए अलग से घोषणा पत्र तैयार किया है. इसमें कहा गया है कि यूपी में कांग्रेस की सरकार बनने पर 3 सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे. सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा सुविधा दी जाएगी. आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह 10,000 रुपए मानधन मिलेगा. नए सरकारी पदों पर आरक्षण प्रावधान के अनुसार 40 फीसदी महिलाओं की नियुक्ति की जाएगी. 

1,000 रुपए प्रतिमाह वृद्धा-विधवा पेंशन दी जाएगी. इंटरमीडिएट उत्तीर्ण छात्राओं को स्मार्टफोन और स्नातक छात्राओं को इलेक्ट्रॉनिक स्कूटी दी जाएगी. कांग्रेस यदि महिलाओं के संदर्भ में ऐसे लुभावने वादों के प्रति इतनी ही गंभीर है तो अपने शासित राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़ राज्यों में उन्हें पहले लागू करके दिखाए! बात सिर्फ कांग्रेस की ही नहीं है, सभी पार्टियां पहले अपने-अपने राज्यों में ऐसी घोषणाओं को लागू कर अपनी गंभीरता और जनकल्याण की नीयत का परिचय दें. चुनावी घोषणाएं महज सब्जबाग बनकर नहीं रह जानी चाहिए. जो वादा किया है, उसे निभाने की झलक तो अपने शासित राज्यों में पहले पेश करें, तभी जनता को विश्वास हो पाएगा.