संपादकीय

Published: Sep 16, 2021 04:19 PM IST

संपादकीयपंजीयन कराना होगा, परप्रांतीयों पर सरकार का शिकंजा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

मनसे प्रमुख राज ठाकरे शुरू से ही पूरी तरह परप्रांतीयों के मुंबई और महाराष्ट्र में आने के खिलाफ थे. उनके पार्टी कार्यकर्ताओं ने राज्य के विभिन्न स्थानों पर बाहरी राज्यों से आए श्रमिकों पर हमले भी किए थे. उनकी दलील थी कि परप्रांतीयों की बड़ी भीड़ बाहरी राज्यों से मुंबई आती है और वे लोग सारे रोजगार व नौकरियों पर कब्जा कर लेते हैं. उनकी वजह से महाराष्ट्र के मूल निवासियों को बेरोजगार रहना पड़ता है. साकीनाका बर्बर दुष्कर्म कांड के बाद अब राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार ने भी राज ठाकरे की बात मान ली है. 

मनसे प्रमुख ने मुख्यमंत्री से परप्रांतीयों का रजिस्ट्रेशन कराने की मांग की थी, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है. सीएम उद्धव ठाकरे ने पुलिस को निर्देश दिया है कि बाहर से आने वालों का रिकार्ड रखा जाए. इससे यही संकेत जाता है कि अपराध परप्रांतीय करते हैं. लेकिन अपराधी तो अपराधी होता है. क्या स्थानीय लोग अपराधों में लिप्त नहीं होते? अच्छे-बुरे लोग हर कहीं पाए जाते हैं. वैसे यह सत्य अपनी जगह है कि जो राज्य कृषि प्रधान हैं और जहां उद्योग नहीं हैं, वहां के लोग रोजगार के लिए मुंबई और महाराष्ट्र आते हैं. 

कोरोना के समय लॉकडाउन लगने पर लाखों परप्रांतीय श्रमिक अपने यूपी, बिहार व मध्यप्रदेश के गांवों के लिए पैदल ही वापस लौटे थे. कुछ भी हो, परप्रांतीय भी आखिर इस देश के नागरिक हैं. देश में ऐसा कोई कानून नहीं है जो किसी को अन्य राज्य में जाकर रहने या काम करने से रोके. संविधान ने हर नागरिक को समानता का अधिकार दे रखा है. यह ज्वलंत सत्य है कि मुंबई का आर्थिक व औद्योगिक विकास परप्रांतीयों ने ही किया है जिनमें गुजराती, पारसी, राजस्थानी व यूपी के लोग शामिल हैं.

इसीलिए यह बहुभाषी या कॉस्मोपोलिटन महानगर है. टैक्सी चलाने, दूध बेचने, चौकीदारी करने, खाना पकाने, गन्ने का रस निकालने, चाट व पान ठेले का काम परप्रांतीय करते हैं. वे उद्योगों में भी नौकरी करते हैं. मुख्यमंत्री का फैसला अपराध नियंत्रण के लिहाज से है. उन्होंने कहा कि परप्रांतीय कहां से आते हैं, कहां जाते हैं, कहां रहते हैं, इसका कोई रिकार्ड नहीं है. इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस स्टेशन में होनी चाहिए. अपराध में आटोरिक्शा का इस्तेमाल किया गया. आटोरिक्शा के अनधिकृत हस्तांतरण को रोका जाना चाहिए. बीजेपी ने सीएम के निर्णय पर कड़ा एतराज जताया है और दो समाजों में कटुता निर्माण करने की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज कराई है.