संपादकीय

Published: Jan 10, 2022 03:33 PM IST

संपादकीयनीट-पीजी काउंसिलिंग जल्द आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

नई आरक्षण नीति पर रोक लगाने की याचिका को ठुकराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नीट-पीजी काउंसिलिंग के मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. देश की सबसे बड़ी अदालत के आदेशानुसार 27 प्रतिशत ओबीसी और 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षण को मंजूरी दे दी गई है. वर्तमान स्थिति को मद्देनजर रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मेडिकल शिक्षा के पाठ्यक्रम समयबद्ध होते हैं. अगर इस स्टेज में नियमों को लेकर कोई बदलाव किया गया तो उससे और ज्यादा देर होगी जिससे छात्रों का अहित होगा.

राष्ट्रहित में नीट-पीजी काउंसिलिंग की प्रक्रिया जल्दी शुरू होनी जरूरी है क्योंकि देश में फिलहाल रेसिडेंट डाक्टरों की भारी कमी है. इसके पूर्व केंद्र सरकार ने गत वर्ष 29 जुलाई को अधिसूचना जारी कर मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली नेशनल एंट्रेंस एलिजिबिलिटी टेस्ट (नीट) की परीक्षा में अखिल भारतीय कोटे के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 फीसदी तथा आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के छात्रों को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया था.

सुप्रीम कोर्ट ने इसकी वैधता की पुष्टि की है. आरक्षण के मुद्दे पर मार्च के तीसरे सप्ताह में पांडे समिति की सिफारिशों पर सुनवाई होगी. मंत्री नितिन राऊत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ओबीसी को दिए गए 27 प्रतिशत आरक्षण को मान्य करने से इस क्षेत्र में ओबीसी का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा और ओबीसी डाक्टरों की संख्या में वृद्धि होगी. यह निर्णय उन ताकतों के लिए एक बड़ा झटका है जो ओबीसी आरक्षण को खत्म करने की साजिश रच रही हैं. समय रहते यह फैसला आ जाना बहुत अच्छी बात है.