संपादकीय

Published: Dec 10, 2020 10:19 AM IST

संपादकीयमुख्यमंत्री से खतरा, देश में पहली बार कोई CM नजरबंद

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

आम आदमी पार्टी का आरोप है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके ही घर में नजरबंद कर दिया है. किसान आंदोलन में केजरीवाल भी सक्रियता दिखा रहे थे. भारत बंद के दिन उनकी पार्टी के सभी सांसद-विधायक मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार और बीजेपी के इशारे पर पुलिस उन्हें और अन्य नेताओं को मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दे रही है तथा केजरीवाल को 2 दिन से घर में नजरबंद कर दिया गया है.

निश्चित रूप से दिल्ली में केजरीवाल का प्रभाव बीजेपी की बेचैनी बढ़ाने वाला है. बतौर मुख्यमंत्री, केजरीवाल ने बिजली बिल माफ कर, पानी की सप्लाई बढ़ाकर, सरकारी स्कूलों का स्तर सुधार कर और मोहल्ला क्लीनिक खोलकर दिल्लीवासियों पर अच्छी छाप छोड़ी है. इसके साथ ही वे अतीव महत्वाकांक्षी भी हैं तथा नेतृत्व करने और वाहवाही हासिल करने का कोई मौका नहीं छोड़ते.

किसान आंदोलन के चलते वे अपना नेतृत्व भी चमकाना चाहते हैं. इसके माध्यम से वे दिल्ली के अलावा पंजाब की राजनीति में भी अपनी पैठ मजबूत करना चाहते हैं. शायद यही कारण है कि उन्हें नजरबंद किया गया कि भारत बंद के दौरान वे कहीं जनता को न भड़काएं. दूसरी ओर पुलिस ने सफाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को नजरबंद नहीं किया गया. वह अपनी मर्जी से अपने घर में हैं. वह कहीं भी जा सकते हैं. आम आदमी पार्टी के विधायक और सांसद चाहें तो उनसे मिल सकते हैं.

सुरक्षा कारणों को देखते हुए आम जनता को एक साथ बड़ी तादाद में उनके घर में जाने नहीं दिया जा सकता. इसी दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें केजरीवाल को एक दिन पहले होटल में किसी शादी समारोह में शामिल होते दिखाया गया है. दूसरी ओर पूर्व क्रिकेटर व बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि किसान तो सिर्फ बहाना है, पंजाब की सियायत में आना है. खुद ही घर में बंद होकर हाउस अरेस्ट चिल्लाना, ये सिर्फ अरविंद केजरीवाल ही कर सकते हैं.

इसके विपरीत आम आदमी पार्टी का दावा है कि सिंधु सीमा पर किसानों के प्रदर्शन से दूर रखने के लिए केजरीवाल को हाउस अरेस्ट के तहत रखा गया. केजरीवाल ने किसानों को आंदोलन में समर्थन देने का वादा किया था. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी किसान आंदोलन में केजरीवाल की घुसपैठ पसंद नहीं आ रही है.

केजरीवाल प्रचार का कोई मौका नहीं छोड़ते. अन्ना आंदोलन के जरिए राजनीति में पैठ बनाने वाले इस नेता ने अपने प्रचार की खातिर वाराणसी से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा था और पंजाब के चुनाव में भी अपने उम्मीदवार उतारे थे.