संपादकीय

Published: Mar 31, 2021 11:16 AM IST

संपादकीयअमित शाह-पवार मुलाकात से बवाल

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

राजनीति में कोई किसी के लिए अछूत नहीं होता. इतनी गुंजाइश हमेशा रखी जाती है कि वक्त आने पर नए सिरे से तालमेल किया जाए और जरूरी महसूस होने पर रिश्ते बनाए जाएं. अहमदाबाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार व प्रफुल पटेल की मुलाकात कितने ही लोगों को चौंका देने वाली लगी होगी. इससे बवाल मचना स्वाभाविक है. वास्तविकता यह है कि अमित शाह और पवार दोनों ही शिवसेना और कांग्रेस के रवैये से खफा हैं.

एनसीपी नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल पटेल की मौजूदगी संकेत देती है कि बीजेपी और एनसीपी के नेताओं ने महाराष्ट्र अथवा गुजरात को लेकर भविष्य की राजनीति व रणनीति पर चर्चा की होगी. यद्यपि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे दिग्गज नेता शरद पवार के मार्गदर्शन में काम करते रहे हैं, परंतु हाल ही में शिवसेना ने राज्य के गृह मंत्री व एनसीपी नेता अनिल देशमुख को लेकर जिस तरह का आलोचना का रुख अपनाया है, उससे पवार को नाराज होना ही था.

महाविकास आघाड़ी अगर टिकी है तो शरद पवार की सूझबूझ की वजह से और यह बात भी सच है कि सरकार का नेतृत्व भले ही उद्धव ठाकरे करें लेकिन इसमें एनसीपी की ही मर्जी चलती है. सभी जानते हैं कि पवार एक तीर से कई निशाने साधने की महारत रखते हैं. लोग सोच सकते हैं कि यदि एनसीपी को शिवसेना का रवैया पसंद नहीं आया तो राज्य में बीजेपी से तालमेल की संभावना खोजी जा सकती है लेकिन यह सब दूर की कौड़ी है.

कहा जाता है कि उद्योगपति गौतम अदानी के परिवार के विवाह समारोह में शामिल होने शरद पवार और प्रफुल पटेल अहमदाबाद आए थे. वहां अमित शाह का भी आगमन हुआ. कहा जाता है कि इन नेताओं की अहमदाबाद के एक फार्महाउस में गुप्त भेंट हुई. गृह मंत्री अमित शाह से जब पूछा गया कि क्या उनकी पवार और पटेल से अहमदाबाद में मुलाकात हुई तो उन्होंने कहा कि ये सब चीजें सार्वजनिक नहीं होती हैं. उन्होंने मुलाकात होने की खबरों को नकारा नहीं और यह भी नहीं स्वीकारा कि मुलाकात हुई भी या नहीं. शाह ने गोलमोल बात करके सस्पेंस बढ़ा दिया.