संपादकीय

Published: Mar 09, 2020 09:49 AM IST

संपादकीयसरकार अपना कोष सिर्फ सरकारी बैंकों में रखेगी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है. आईसीआईसीआई बैंक की धांधली व पीएमसी बैंक घोटाले के बाद देश के चौथे सबसे बड़े निजी बैंक यस बैंक पर आए महासंकट को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार का सचेत हो जाना स्वाभाविक है. सरकारी धन की सुरक्षा के लिहाज से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुख्य सचिव व अन्य सचिवों को निर्देश दिया है कि शासन का पैसा सिर्फ राष्ट्रीयकृत बैंकों में ही जमा कराया जाए, निजी क्षेत्र के बैंकों में नहीं. विशेष रूप से केंद्र द्वारा संरक्षित बैंकों में यह राशि डिपाजिट की जाए. वित्त मंत्री अजीत पवार ने सीएम उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में यह जानकारी दी. राज्य के हित की दृष्टि से यह अच्छा फैसला है लेकिन इसके पीछे एक और भी वजह है. पिछली देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली युति सरकार के दौरान पुलिस विभाग का अकाउंट एक्सिस बैंक को स्थानांतरित किया गया था. देवेंद्र की पत्नी अमृता एक्सिस बैंक में वरिष्ठ पद पर हैं. इस अकाउंट ट्रान्सफर के बारे में फडणवीस से जवाब मांगा गया है. वैसे दलील यह दी जाती है कि एक्सिस बैंक जमा रकम पर कुछ अधिक ब्याज दे रहा था. इतने पर भी औचित्य का सवाल उठता है कि जिस बैंक में सीएम की पत्नी अधिकारी हो, वहां सरकारी खाता क्यों खोला गया? क्या अमृता फडणवीस ने अपने बैंक के हित में यह खाता खोलने के लिए सरकार से आग्रह किया था? क्या देवेंद्र फडणवीस ने पत्नी की खुशी के लिए पुलिस विभाग का अकाउंट एक्सिस बैंक में खोलने को मंजूरी दी? यद्यपि एक्सिस बैंक को लेकर किसी प्रकार की शिकायत नहीं आई है, यह भी संभव है कि यह बैंक काफी अच्छे व प्रोफेशनल तरीके से काम कर रहा हो. राज्य में सरकार बदल जाने के बाद अब महाविकास आघाड़ी सरकार को सरकारी कोष के बारे में निर्णय लेने का पूरा-पूरा अधिकार है. यदि वह समझती है कि निजी बैंकों में सरकारी धन रखना असुरक्षित व जोखिम भरा है तो वह इस रकम को सरकारी बैंकों में रखकर निश्चिंत हो सकती है. हर सरकार का अपना-अपना फैसला होता है.