निशानेबाज़

Published: May 03, 2021 12:28 PM IST

निशानेबाज़यह है पानी का रंग इसके लिए छिड़ी 2 देशों में जंग

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, किसी पर्यावरण विशेषज्ञ ने कुछ वर्षों पूर्व चेतावनी दी थी कि अगला विश्व युद्ध पानी को लेकर छिड़ सकता है. ऐसा कुछ तो नहीं हुआ लेकिन किर्गिस्तान और तजाकिस्तान जैसे 2 देश आपस में पानी को लेकर भिड़ गए. पहले दोनों देशों के नागरिकों के बीच पत्थरबाजी हुई फिर दोनों के सुरक्षाबलों ने एक दूसरे पर गोलियां चलाईं. दोनों ही देश इस्फारा नदी पर स्थित जलाशय और पम्पिंग स्टेशन पर अपना दावा करते हैं. इसे लेकर पहले भी उनके बीच झड़पें हो चुकी हैं.’’ हमने कहा, ‘‘जो पानीदार या स्वाभिमानी होते हैं, वे ही अपने अधिकारों के लिए लड़ते हैं. वह बेशर्म क्या लड़ेंगे जिनकी आंख का पानी मर चुका है.

जो बहादुर रहते हैं वे मुकाबले में अच्छे-अच्छों को पानी पिला देते हैं. हमारे देश में पानीपत की 3 लड़ाइयां मशहूर रही हैं.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, जब दुश्मनी हो जाती है तो लोग एक दूसरे को पानी पी-पीकर कोसते हैं. सामनेवाले को दिखा देते हैं कि वह कितने पानी में है.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, कहावत है कि पानी में रहकर मगर से बैर नहीं करना चाहिए. किसी के गलत हरकत करने पर उसे फटकारते हुए कहा जाता है- जा चुल्लू भर पानी में डूब मर! अवसरवादी दलबदलू नेताओं का स्वभाव कुछ ऐसा रहता है कि पानी रे पानी तेरा रंग कैसा, जिसमें मिलाया उस जैसा! जो लोग सतर्क रहते हैं, वे पानी आने के पहले पुल बांध लेते हैं. यदि किस्मत साथ न दे तो प्रयासों पर पानी फिर जाता है. चुनाव में जीतनेवाली पार्टी अपनी प्रतिपक्षी पार्टी का पानी उतार कर रख देती है या उसे अपने सामने पानी मांगने पर मजबूर कर देती है.’’