निशानेबाज़

Published: May 11, 2023 03:15 PM IST

निशानेबाज़खड़गे मूक, कुछ कर नहीं पा रहे, सचिन पायलट के तीखे तेवर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, राजस्थान की राजनीति में पायलट सीधी लड़ाई के मूड में हैं. उनके इस तरह के रवैये से कांग्रेस में खलबली मचना स्वाभाविक है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मूक हैं, कुछ कर नहीं पा रहे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी बेचैनी महसूस कर रहे होंगे कि पायलट बार-बार प्रदेश की राजनीतिक आकाश में इस तरह की खतरनाक कलाबाजी क्यों दिखाते हैं.’’ हमने कहा, ‘‘सचिन पायलट को आप जांबाज फाइटर पायलट मान सकते हैं. आपको वर्धमान अभिनंदन की याद होगी जिन्होंने अपने मिग विमान से पाकिस्तान के एफ-16 विमान को खदेड़ दिया था. उन्हें पाकिस्तानी फौज ने हिरासत में ले लिया था लेकिन फिर उन्हें सकुशल भारत को लौटाना पड़ा था. वे वाया बार्डर से शान के साथ स्वदेश वापस आ गए थे. 1965 के भारत-पाक युद्ध में हमारे फाइटर पायलट कीलर ब्रदर्स ने छोटे लडाकू विमान नैट से पाकिस्तान के सैबर जेट विमानों को मार गिराया था. इसलिए किसी भी पायलट को कम आंकने की भूल मत कीजिए.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, यदि आप एयरफोर्स की बात कर रहे हैं तो सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट ने वायुसेना में रहते हुए पाकिस्तान से लोहा लिया था. वे राजीव गांधी व नरसिंहराव की सरकार में मंत्री रहे थे. जहां तक सचिन पायलट का सवाल है, वे जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला के दामाद है. फारूक की बेटी सारा उनकी पत्नी है.’’ हमने कहा, ‘‘फिलहाल सचिन पायलट ने जनसंघर्ष यात्रा निकालने की घोषणा करते हुए आरोप लगाया है कि गहलोत की नेता सोनिया गांधी नहीं,  बल्कि वसुंधरा राजे हैं. उनका संकेत है कि गहलोत-वसुंधरा की मिलीभगत चल रही है.’’ हमने कहा, ‘‘पायलट कितनेही बगावती तेवर दिखाएं, पार्टी हाईकमांड बेबस बना हुआ है. गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष बनने को कहा गया था लेकिन वह सीएम की कुर्सी छोड़नाही नहीं चाहते थे. गहलोत समर्थक विधायकों ने अपनी ताकत दिखा दी थी जिस कारण तब हाईकमांड के पर्यवेक्षकों कड़गे और माकन को अपना सा मुंह लेकर जयपुर से दिल्ली लौटना पड़ा था. इसी वर्ष के अंत में राजस्थान विधानसभा का चुनाव है. पायलट को तभी अपना हुनर दिखाना होगा. यदि गहलोत-पायलट आपस में इसी तरह टकराते रहे तो बीजेपी बाजी मार ले जाएगी.’’