निशानेबाज़

Published: Apr 04, 2022 01:30 PM IST

निशानेबाज़सूरज दिखाने लगा औकात, न जात न कोई पात 3 माह तक आघात

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, तापमान 41 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया है. सूरज आग उगलने लगा है. अप्रैल, मई और जून में या तो मसूरी जाओ या देहरादून. महाबलेश्वर जाओ या चाहो तो आमिर खान स्टाइल में किसी से पूछकर देखो- आती क्या खंडाला?’’

हमने कहा, ‘‘गर्मी हर साल पड़ती है. इसमें कोई नई बात नहीं है. स्कूलों को कोर्स पूरा करने के लिए अप्रैल अंत तक खुला रखने को कहा गया है. कितने ही मजदूर भरी धूप में नाली खोदने या केबल बिछाने के लिए अपने काम में लगे रहते हैं, वे भी तो इंसान हैं. मजदूर और किसान पर मौसम की कोई बंदिश नहीं रहती. हम तो कहते हैं कि हर मौसम का भरपूर आनंद लेना चाहिए. मानसिकता ऐसी बनाइए कि धूप को चांदनी समझिए. क्या सनशाइन और क्या मूनशाइन!’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, फिल्म पाकीजा में मीनाकुमारी गाती है- सूरज कहीं भी जाए तुम पर ना धूप आए. एक अन्य फिल्म का गीत है- धूप में निकला न करो रूप की रानी, गोरा रंग काला न पड़ जाए! इंसान की जिंदगी भी धूप-छांव के समान है. सुख-दुख, उतार-चढ़ाव, मुश्किलें व आसानियां आती रहती हैं. हर दौर एक सा नहीं रहता.’’

हमने कहा, ‘‘कड़ी धूप और गर्म हवा के थपेड़ों से खुद को बचाने में समझदारी हैं. ग्रामीण लोग अंगोछे से सिर ढककर चलते हैं या धूप से बचने के लिए छाता लगाते हैं. आप सिर पर कैप लगाइए और कान में या तो रूई ठूंस लीजिए या रूमाल बांध लीजिए. भरपूर पानी पीकर बाहर निकलिए तो लू लगने या डिहाइड्रेशन होने का खतरा नहीं रहेगा. कुछ लोग जेब में प्याज भी रख लेते हैं. अधिकांश परिश्रम के काम दिन चढ़ने के पहले सबेरे ही निपटा लीजिए. इस मौसम में सूती और ढीले कपड़े पहनिए.’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज एक और फिक्र की बात है. गर्मी के महीनों में कूलर और एसी का इस्तेमाल करने से बिजली बिल ज्यादा आएगा. महंगाई की मार के साथ जानलेवा गर्मी भी लोगों का इम्तहान लेगी.’’