निशानेबाज़

Published: Dec 02, 2022 03:22 PM IST

निशानेबाज़ब्रिटेन की कंपनियों में 4 दिन काम, बाकी दिन कर्मियों को आराम

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, ब्रिटेन की 100 कंपनियां मुफ्तखोरी को बढ़ावा देकर एक गलत मिसाल कायम कर रही हैं. इन कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को सप्ताह में सिर्फ 4 दिन काम और 3 दिन अवकाश देने की घोषणा की हे. बिना वेतन काटे सभी कर्मचारियों को स्थायी रूप से हफ्ते में 4 दिन वर्किंग का नियम बनाया है. इन 100 कंपनियों में 2600 कर्मचारी काम करते हैं.’’

हमने कहा, ‘‘इससे तो कर्मचारी आलसी और निठल्ले हो जाएंगे. लगातार काम करते रहो तो शरीर सक्रिय और दिमाग शार्प बना रहता है. एक दिन की साप्ताहिक छुट्टी काफी है, 3 दिन छुट्टी देने से वर्कर आरामतलब हो जाएगा. उसकी क्रिएटिविटी भी खत्म हो जाएगी. पड़े-पड़े लोहे को भी जंग लग जाता है. इस तरह की नीति से कंपनी का प्रोडक्शन भी घट जाएगा.’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, अपने देश में बैंकों, कुछ स्कूलों व सरकारी दफ्तरों में रविवार के अलावा दूसरे और चौथे शनिवार को भी छुट्टी रहती है. इसके पीछे जरूर कोई सोच होगी. इससे आफिस के बिजली-पानी का बिल काम आएगा. जहां आफिस कैंटिन है, वहां कुकिंग गैस की बचत होगी. कंपनी की गाड़ी खड़ी रहेगी तो पेट्रोल-डीजल की सेविंग होगी. छुट्टी में कर्मचारी रिलैक्स होगा. उसकी इमेजिनेशन व क्रिएटिविटी बढ़़ेगी. दिमाग में प्लानिंग और आइडियाज आएंगे.’’

हमने कहा, ‘‘यह सब बेकार की बातें हैं. इससे कार्य संस्कृति या वर्ककल्चर पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. हफ्ते में 3 दिन छुट्टी में हाल यह होगा कि काटे नहीं कटते दिन और रात! कितने ही लोगों का काम करने का अभ्यास छूट जाएगा. कुछ तो कुंभकर्ण जैसी नींद लेने के आदि हो जाएंगे. जो सोता है, वह बहुत कुछ खोता है. प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने नारा दिया था- आराम हराम है.’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, महंगाई और मंदी की गिरफ्त में जा रही ब्रिटेन की इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए वहां की कंपनियों ने सप्ताह में 4 वर्किंग डे रखे हैं. एक्सपर्ट मानते हैं कि इससे बडा बदलाव आएगा. ऊर्जा की बचत भी होगी.’’