निशानेबाज़

Published: May 29, 2023 03:19 PM IST

निशानेबाज़विपक्ष उद्विग्न और हताश, क्योंकि मोदी हैं बिग बॉस

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, हमें पुरानी ब्लैक एंड व्हाइट फिल्मों की याद आ रही है जिसमें केएन सिंह या प्राण गैंग के बॉस बना करते थे. उनके मजबूत किरदार के सामने हीरो कमजोर नजर आता था. ऐसी फिल्म के क्लाइमेक्स के समय गैंग का कोई मेंबर चिल्ला कर कहता था- बॉस पुलिस आ गई है.’’ हमने कहा, ‘‘लगता है, आप यू ट्यूब पर 50-60 साल पुरानी फिल्में देखा करते हैं. अब बॉस शब्द सम्मानजनक माना जाता है. बड़ी-बड़ी कंपनियों के सीईओ को उनके मातहत तमाम लोग विनम्रतापूर्वक बॉस कहते हैं. बॉस टीमलीडर होता है. उसमें नेतृत्व और संगठन के अलावा कंपनी को आगे की दिशा देने और शानदार ब्रैंड बनाने के सारे गुण होते हैं. बॉस का आर्डर ब्रम्हवाक्य होता है. बाज की नजर, चीते की चाल, बाजीराव की तलवार और बॉस के आदेश पर संदेह नहीं किया करते. कंपनी की बोर्ड मीटिंग में बॉस का फैसला फाइनल होता है.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, अब हमें समझ में आया कि आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बानीज ने हमारे 56 इंच के सीनेवाले पीएम मोदी को बॉस क्यों कहा. मोदी इस समय वर्ल्डलीडर हो गए हैं. उनकी विदेश में अच्छी साख है. वैसे हमने फिल्म ‘यस बॉस’ देखी थी जिसमें आदित्य पंचोली शाहरुख खान का बॉस रहता है. टीवी पर बिग बॉस का घर सभी ने देखा होगा. सलमान खान इस शो को कंडक्ट करते हैं. आस्ट्रेलिया के पीएम ने मोदी की तुलना लोकप्रिय रॉकस्टार ब्रूस ्प्रिरंगटन से की जिनके लिए भीड़ उमड़ पड़ती है.’’ हमने कहा, ‘‘यह तुलना हमें नहीं जंची. जोर-जोर से चिल्लाकर गानेवाले रॉक स्टार ब्रूस ्प्रिरंगटन की बजाय मोदी की तुलना लिंकन या जार्ज वाशिंगटन से की जानी चाहिए थी.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हमारे देश की विपक्षी पार्टियां मोदी विरोध पर उतर आई हैं. मोदी की पर्सनॅलिटी में हीरे जैसी चमक है लेकिन विपक्ष को हीरे और शीशे का फर्क समझ में नहीं आता. मोदी अपनी सरकार और बीजेपी के मजबूत बॉस हैं. विपक्ष की वे बिल्कुल परवाह नहीं करते. इनका रवैया ऐसा रहता है- किस्मत हमारे साथ है, जलनेवाले जला करें.’’