निशानेबाज़

Published: Jul 17, 2023 03:11 PM IST

निशानेबाज़सब तरफ महंगाई का प्रभाव, चांदी-सोने के सनसनाते भाव

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, इधर चांद की ओर चंद्रयान रवाना हुआ और उधर चांदी के दाम रिकार्ड स्तर तक पहुंच गए. चांदी 76,000 रुपए प्रति किलो हो गई. सोना भी 60,400 रुपए प्रति 10 ग्राम पर चल रहा है.’’

हमने कहा, ‘‘आप हर बात पर चिंता करते हैं. सब्जी महंगी हुई तो फिक्र करते हैं. सोना-चांदी महंगा हुआ तो माथे पर बल पड़ जाते हैं. आपको अपने चांदी जैसे सफेद हो रहे बालों के बारे में सोचना चाहिए.’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज आप इतनी महत्वपूर्ण बात की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. कुछ तो सोचिए. कभी हमारा देश सोने की चिड़िया कहलाता था. आज अपना यह हाल है. सोने-चांदी के बढ़ते दाम देखकर हम ठीक से सो नहीं पा रहे हैं.’’

हमने कहा, ‘‘आप सोना खरीदने की बजाय उसकी चर्चा या गुणगान कर सकते हैं. इसमें आपका एक पैसा भी खर्च नहीं होगा. किसी की प्रशंसा करते हुए सोने  पे सुहागा जैसा मुहावरा उपयोग में ला सकते हैं. किसी पीलिया के मरीज को सोने जैसा पीला कह सकते हैं. जब गाने की इच्छा हो तो ‘सोने जैसा रंग है तेरा, चांदी जैसे बाल’ गुनगुना सकते हैं.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘आप हमें यूं ही बहला रहे हैं. सोना-चांदी महंगा होना राष्ट्रीय चिंता का विषय है. इससे निपटने का कोई उपाय बताइए.’’

हमने कहा, ‘‘लोगों को समझाया जाना चाहिए कि सोना मुसीबत की जड़ है. रामायण में सीताहरण स्वर्णमृग के पीछे भागने की वजह से हुआ था. रावण की सोने की लंका में बजरंगबली ने आग लगा दी थी. राजा मिडास ने वर मांग लिया था कि जिस चीज को छुएगा वह सोने की बन जाएगी. उसने अपनी बेटी को छुआ तो वह सोने की पुतली बन गई. इसलिए सोने से दूर रहना ही अच्छा! शास्त्रों में कहा गया है कि सोने में कलियुग समाया हुआ है. आप को सोने का मोह त्यागकर गीत गाना चाहिए- ना मांगू मैं सोना-चांदी, मांगू दर्शन देवी तेरे द्वार खड़ा एक जोगी. आप फड़कदार गीत भी सुन सकते हैं- सोना ले जा रे, चांदी ले जा रे, दिल कैसे दूंगी तुझे जोगी कि बड़ी बदनामी होगी.’’