निशानेबाज़

Published: Jun 22, 2021 11:00 AM IST

निशानेबाज़अनलॉक से लौट आई शान सिर्फ मंदिर ही वीरान स्वयं भगवान परेशान

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, अनलॉक से बाजार में रौनक लौट आई है. दूकान, मॉल्स, होटल-रेस्टारेंट में चहल-पहल है. ऐसा लगता है जैसे शहर सोते से जाग गया है. लोग कोरोना से निर्भीक होकर सड़कों पर भीड़ कर रहे हैं.’’ हमने कहा, ‘‘इतनी बेफिक्री भी ठीक नहीं. कोरोना की तीसरी लहर यदि आई तो बेहद खतरनाक साबित होगी. अब तक पौने चार लाख से ज्यादा देशवासियों की बलि यह महामारी ले चुकी है. कोरोना के बदलते रूप को देखकर घबराहट होती है.

उसे कोई नहीं कह सकता- रूप सुहाना लगता है, चांद पुराना लगता है, तेरे आगे ओ जानम!’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, कोरोना वायरस का म्यूटेंट बहुरुपिए की तरह रूप बदलता रहेगा लेकिन ठीक तरह से मास्क लगाकर अपना बचाव किया जा सकता है. हाथ धोकर किसी के पीछे पड़ने की जरूरत नहीं, वैसे ही दिन में कई बार साबुन से हाथ धोते रहा करो. सैनिटाइजर भी बड़े काम की चीज है.’’ हमने कहा, ‘‘यह सोचने वाली बात है कि अनलॉक में बहुत कुछ खुल गया लेकिन मंदिर क्यों नहीं खुल रहा है? भक्त और भगवान के बीच इतना फासला क्यों?’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, अपने मन मंदिर में भगवान की सांवली सूरत मोहिनी मूरत बिठा लीजिए. गीत भी है- दिल एक मंदिर है, प्यार की जिसमें होती है पूजा, प्रीतम का घर है.’’ हमने कहा, ‘‘भगवान भी परेशान होंगे कि मंदिर वीरान है और भक्त नदारद हैं.

न कोई शीश नवाने आ रहा है, न प्रसाद चढ़ाने. सिर्फ पुजारी आकर ताले में बंद प्रभु की पूजा कर जाता है, वह भी संक्षेप में. लंबी-चौड़ी आरती भी नहीं होती. देश के बड़े मंदिरों का चढ़ावा भी बंद हो गया. न भक्त तिरुपति बालाजी के पास जा रहे हैं, न शिरडी साईं के दरबार में! पहले भजन गूंजता था- तेरे पूजन को भगवान बना मन मंदिर आलीशान.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘अयोध्या में राम जन्मभूमि का ट्रस्ट भ्रष्ट होने के आरोप से कष्ट में फंस गया है. धर्म को धक्का लग रहा है, सभी हैरान और भगवान भी परेशान हैं.’’