आज की खास खबर
Published: Apr 17, 2024 11:14 AM ISTआज की खास खबरबढ़ती गर्मी डाल सकती है मतदान पर असर
मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भविष्यवाणी की है कि ओडिशा, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, बंगाल, गोवा व महाराष्ट्र में अगले कुछ दिनों तक लू चलेगी। इसी अवधि (44 दिन) में 18वीं लोकसभा के लिए मतदान के सभी चरण सम्पन्न होने हैं, जोकि 1951-52 के आम चुनाव के बाद सबसे लंबा वोटिंग शेड्यूल है। इसलिए यह प्रश्न प्रासंगिक है कि क्या बढ़ते तापमान यानी भयंकर गर्मी के कारण लोग मतदान केंद्रों तक जाने से कतराएंगे, जिससे मतदान प्रतिशत कम हो जाएगा? जब मैदानी क्षेत्रों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच जाता है तो उसे हीटवेव कहते हैं।
तटीय क्षेत्रों में इसके लिए तापमान की सीमा 37 डिग्री है और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 30 डिग्री है। जब लू चल रही हो तो प्रत्याशियों, पार्टी कार्यकर्ताओं, चुनाव अधिकारियों के लिए भी काम करना कठिन हो जाता है। मतदाता भी अपने घरों से निकलना पसंद नहीं करते, विशेषकर वे वोटर्स, जो सभी राजनीतिक दलों को एक ही थैली का चट्टा-बट्टा समझते हैं कि सत्ता में चाहे जो आ जाए, हालात सुधरने वाले नहीं हैं।
इस तरह उन्हें वोट न देने का बहाना मिल जाता है। यह बात यकीन से कही जा सकती है कि बढ़ा हुआ तापमान मतदान प्रतिशत को प्रभावित करता है और 2019 का डाटा इस तथ्य की पुष्टि करता है। 2009 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 13 सीटों पर 44 डिग्री सेल्सियस तापमान में हुआ मतदान औसतन 54 प्रतिशत ही रहा था। तब के मुकाबले गर्मी कहीं ज्यादा रौद्र रूप दिखा रही है और देश के काफी बड़े हिस्से में पिछले कई दिनों से लगातार बनी हुई है।
इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि ऐसे जानलेवा मौसम में मतदान के विचार से ही वोटर्स के हाथ-पांव फूल जाते हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में 32 दिन की हीटवेव की भविष्यवाणी की गई थी, जोकि ऑन रिकॉर्ड दूसरी सबसे लंबी हीटवेव थी और उस साल मध्य जून तक रही। इस अवधि के दौरान लखनऊ में 6 मई को 43 डिग्री सेल्सियस में 55 प्रतिशत मतदान हुआ, 19 मई को पटना साहिब में 42 डिग्री सेल्सियस में 46 प्रतिशत मतदान हुआ।