फुटबॉल
Published: Jul 08, 2021 01:16 PM ISTEuro Finalइंग्लैंड के पास 55 साल के जख्मों पर मरहम लगाने का मौका
लंदन. फुटबॉल जैसे खूबसूरत खेल को जन्म देने का दावा करने वाला देश होने के बावजूद इंग्लैंड कभी अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर सका। हर बार , हर टूनार्मेंट में उसके उत्साही प्रशंसकों ने जरूर सुर्खिया बंटोरी लेकिन टीम की नियति नहीं बदल सके। इस बार मेजबान के पास सुनहरा मौका है , पिछले 55 साल से नासूर बनते जा रहे हर जख्म पर यूरो फाइनल में जीत के साथ मरहम लगाने का। फाइनल से पहले उसके हर प्रशंसक की जबां पर टीम का गीत है ‘फुटबॉल इज कमिंग होम’।
उनके इस सपने को सच में बदलने के लिये इंग्लैंड के खिलाड़ियों को इतालवी दीवार में सेंध लगानी होगी जो इतना आसान नहीं है। फुटबॉल की ही तरह क्रिकेट के जनक इस देश ने दो साल पहले विश्व कप जीतकर खिताब का सूखा दूर किया। अब इंग्लैंड के खेलप्रेमियों को फुटबॉल में उसी कहानी के दोहराव का इंतजार है। इटली और इंग्लैंड का सामना रविवार को वेम्बले स्टेडियम पर होगा। इंग्लैंड ने आखिरी बार 1966 में विश्व कप जीता था। उसका सामना ऐसी टीम से है जिसे पिछले 33 मैचों में कोई हरा नहीं सका है।
पिछले 55 साल में इंग्लैंड ने 26 विश्व कप और यूरो चैम्पियनशिप देखी जिनमें से सात में तो वे क्वालीफाई नहीं कर सके। डेनमार्क और यूनान जैसे छोटे देश भी खिताब जीतने में कामयाब रहे लेकिन इंग्लैंड को नाकामी ही नसीब हुई। सेमीफाइनल में डेनमार्क को हराकर इंग्लैंड ने खिताब की ओर कदम रख दिया। कोच जेरेथ साउथगेट ने कहा,‘‘हमारे लिये यह शानदार पल है। इसका पूरा मजा लेना चाहिये।” जर्मनी के खिलाफ यूरो 1996 सेमीफाइनल में निर्णायक पेनल्टी चूकने वाले साउथगेट कोच के तौर पर उस मलाल को मिटाना चाहते हैं। उन्होंने कहा,‘‘यह सफर कांटों से भरा रहा लेकिन आखिर में मेहनत रंग लायेगी। हम प्रशंसकों को, जनता को और अपने देश को फख्र करने का मौका देंगे।”