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Published: Jul 24, 2021 02:10 PM IST

Mirabai Chanu Wins Medalटोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं मीराबाई चानू, जानें उनके बारे में सब कुछ

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Image: ANI/Twitter

नई दिल्ली: आज भारत (India) के लिए बेहद गर्व का दिन है। भारत की मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic 2020) में इतिहास रच भारत के लिए पहला सिल्वर मेडल (Mirabai Chanu Won The First Silver Medal) जीत लिया है। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 में वेटलिफ्टिंग (Weightlifting) में यह पदक हासिल किया है। मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम महिला वर्ग के वेटलिफ्टिंग इवेंट में सिल्वर मेडल (Silver Medal) को अपने नाम किया है। इसी के साथ भारत ने ओलंपिक में अपना खाता खोल दिया है। वहीं चीन की जजिहू को वेटलिफ्टिंग के 49 किलोग्राम इवेंट में गोल्ड मेडल मिला है। 

कौन हैं मीराबाई चानू?

मणिपुर की राजधानी इंफाल की रहने वाली मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 को इंफाल में हुआ था। मीराबाई चानू को बचपन में तीरंदाजी का काफी शौक था। वह इसी में अपना आगे का करियर भी बनाना चाहती थीं। लेकिन, 8वीं कक्षा में के बाद उनका इंटरेस्ट बदल गया। उनका झुकाव वेटलिफ्टिंग की ओर हो गया, जिसके बाद वह इसी में अपना आगे का करियर बनाने का फैसला लिया। वह इम्फाल की वेटलिफ्टर कुंजरानी को अपना प्रेरणा मानती हैं और उन्हीं की वजह से मीराबाई की रुचि वेटलिफ्टिंग में आई। 

मीराबाई चानू ने महज 11 साल की उम्र में एक लोकल वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था, जहां उन्होंने अपना पहला स्वर्ण पदक जीता था। जिसके बाद वह विश्व और एशियाई जूनियर चैंपियनशिप प्रतिस्पर्धा में भाग लेकर अपने अंतर्राष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग में अपने करियर की शुरुआत की, जहां उन्होंने दोनों में पदक जीते।

काफी संघर्ष के बाद हासिल हुआ मुकाम

मीराबाई चानू ने अपनी ज़िंदगी में कई तरह के कठिनाइयों का सामना किया है। उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए काफी संघर्ष किया है। उनके इस सफर में उन्हें अपने परिवार का खूब सपोर्ट मिला। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के बावजूद उनके माता-पिता ने उन्हें आहार संबंधी जरूरतों को पूरा किया। जिसका नतीजा है कि चानू लगातार देश और अपने परिवार का नाम रोशन कर रही हैं। 

जीत चुकी हैं कई मेडल

मीराबाई चानू ने देश का नाम हर जगह ऊंचा किया है। उन्होंने अब तक कई तरह के और कई मेडल जीते हैं। साल 2014 में उन्होंने ग्लासगो में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीता है। 2016 के रियो ओलंपिक गेम्स के क्वालीफाई मैच में चानू ने अपनी प्रेरणा वेटलिफ्टर कुंजरानी को हराकर रियो में अपनी जगह बनाई थी। साल 2017 में हुई वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 48 किलोग्राम वर्ग में मीराबाई ने गोल्ड मेडल हासिल किया। 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स में भी उन्होंने स्वर्ण पदक जीता। अप्रैल 2021 में ताशकंद में एशियाई  वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में मीराबाई चानू ने महिलाओं की 49 किग्रा क्लीन एंड जर्क में 119 किग्रा भार उठाकर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया था।  वहीं चानू को स्नैच के एशियाई मीट में कांस्य पदक अपने नाम किया। 

कई खेल सम्मान भी मिल चुके 

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन। बीरेन सिंह ने मीराबाई चानू को 20 लाख रुपये का पुरस्कार देकर सम्मानित किया है। उन्हें 2018 में भारत के सर्वोच्च नागरिक खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न भी मिल चूका है। इसके अलावा चानू को 2018 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।