खेल

Published: Aug 01, 2021 12:55 PM IST

Tokyo Olympics 2020टोक्यो ओलंपिक : खाली हाथ लौटीं मनु भाकर, जसपाल राणा को बताया हार की वजह

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File Pic

नयी दिल्ली. जहाँ एक तरफ टोक्यो ओलंपिक में इस बार नाकाम रहीं भारतीय पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर (Manu Bhaker) टोक्यो से देश लौट आई हैं। लेकिन उन्होंने वादा किया कि वह अपने पहले ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन से फिर एक मजबूत वापसी करेंगी। इसके साथ ही एक सनसनीखेज आरोप लगते हुए 19 साल की इस बेहतरीन निशानेबाज मनु ने कहा कि पूर्व कोच जसपाल राणा (Jaspal Rana) के साथ विवाद के कारण ओलंपिक के लिए उनकी तैयारियां जरुर प्रभावित हुई थीं। 

मनु भाकर का जसपाल राणा पर सनसनीखेज आरोप :

दरअसल उनके अनुसार राणा ने उन्हें 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा से अपना नाम वापस लेने को कहा था। इस मुद्दे पर निशानेबाज मनु ने इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर बताया कि, “मैं 25 मीटर स्पर्धा में निशानेबाजी जारी रखूंगी।” इसके साथ ही युवा ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता मनु ने कहा कि नकारात्मकता और राणा के साथ उनके विवाद के अलावा हर कीमत पर पदक जीतने की उनकी चाहत से स्थिति और खराब हो गई।

इस साथ ही मनु ने यह भी आरोप लगाया कि, उनसे बार-बार यही कहा गया था कि 25 मीटर स्पर्धा से अपना नाम वापस ले। क्योंकि इसमें उनका ‘स्तर उतना अच्छा नहीं है।’ पता हो कि मनु ने म्यूनिख में ISSF विश्व कप के दौरान टोक्यो ओलंपिक का यह कोटा हासिल किया था।

उन्होंने यह भी कहा कि,  ” हां, नकारात्मकता थी क्योंकि मेरे माता-पिता को भी इस पूरे मामले में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया था। नकारात्मकता के कारण ही मुझ से पूछा गया कि भोपाल में (अभ्यास और ट्रायल्स के दौरान) मेरी मां मेरे साथ क्यों हैं और मेरे पिता क्यों साथ हैं?” इसके अलावा कुछ तकनीकी समस्याएं भी थीं , जिनका पूर्व कोच ने ‘समाधान नहीं किया’। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने इस साल मार्च में दिल्ली में आईएसएसएफ विश्व कप के दौरान राणा को कोई संदेश नहीं भेजा था। उन्होंने बताया कि यह संदेश उनकी मां ने भेजा था जो अपनी बेटी को लेकर ‘चिंतित’ थी।

राणा को संदेश- ‘अब तो मिल गई न तसल्ली’

मनु के कांस्य पदक जीतने के बाद राणा को संदेश मिला, ‘अब तो मिल गई न तसल्ली’। राणा इसके बाद अपनी सफेद टी-शर्ट के पीछे इस संदेश को लिख कर करणी सिंह निशानेबाजी परिसर में पहुंच गए, जिसके बाद भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ को हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर होना पड़ा। मनु ने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए एनआरएआई और उसके अध्यक्ष रनिंदर सिंह ने खेलों के नजदीक आने के साथ भारत के पूर्व निशानेबाज रौनक पंडित को उनका कोच नियुक्त किया और जो भी समाधान संभव था उसका प्रयास किया। 

उन्होंने कहा, “एनआरएआई  ने इस समस्या के समाधान की पूरी कोशिश की और उन्होंने हमें विश्वास में भी लिया।” मनु ने कहा कि ओलंपिक के पहले अनुभव से उन्होंने काफी कुछ सीखा है जो आगे काम आयेगा। उन्होंने कहा, “मुझे निश्चित रूप से बहुत अनुभव प्राप्त हुआ है। उम्मीद है कि इससे मुझे भविष्य में तैयारी और प्रदर्शन में सुधार करने में मदद मिलेगी। मैं युवा हूं और आगे मेरा करियर लंबा है। मैंने इस बार भी पूरी कोशिश की थी।” उन्होंने कहा कि इस अनुभव से वह भविष्य में मुश्किल परिस्थितियों का बेहतर तरीके से सामना कर पायेंगी।