छत्तीसगढ़

Published: Jul 10, 2020 12:14 AM IST

लोन वर्राटूछत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में 27 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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दंतेवाड़ा. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में चलाए जा रहे ‘‘लोन वर्राटू” (घर लौट आओ) अभियान के तहत चार इनामी नक्सली समेत 27 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि चार महिला नक्सली समेत 25 नक्सलियों ने बृहस्पतिवार को कुआकोंडा थाना में तथा बुधवार को एक नक्सली दंपत्ति ने दंतेवाड़ा में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।

पल्लव ने बताया कि आज जिन 25 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, उनमें दंडाकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संगठन (डीकेएमएस) का अध्यक्ष बुधराम तामो (48), जनमिलिशिया समूह का अध्यक्ष मांझी बरसे (35) और क्रांतिकारी महिला आदिवासी संगठन (केएएमएस) की अध्यक्ष देवे सोढ़ी शामिल हैं। इनके सिर पर एक-एक लाख रूपए का इनाम था। उन्होंने बताया कि ज्यादतर नक्सली डीकेएमएस, केएएमएस और जनमिलिशिया समूह से जुड़े हुए हैं।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों के खिलाफ पुलिस दल पर हमला करने समेत कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहने का आरोप है। नक्सलियों पर मार्च 2016 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक दल पर हमले का भी आरोप है, जिसमें सात जवान शहीद हुए थे। पल्लव ने बताया कि इससे पहले बुधवार को नक्सली प्रकाश करटामी और उसकी पत्नी हिड़मे करटामी ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। प्रकाश के सिर पर दो लाख रूपए का इनाम था।

उन्होंने बताया कि प्रकाश नक्सलियों के मिलिट्री पलटन नंबर 24 का सदस्य है। वह क्षेत्र में कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है। उसके खिलाफ अप्रैल 2015 में दंतेवाड़ा जिले के चोलनार गांव में बारूदी सुरंग विस्फोट की घटना को अंजाम देने का आरोप है। इस घटना में पांच जवान शहीद हो गए थे। वहीं ,आठ अन्य जवान घायल हो गए थे। अधिकारी ने बताया कि प्रकाश वर्ष 2012 में दंतेवाड़ा जिले में राष्ट्रीय खनिज विकास निगम की खदान क्षेत्र में पुलिस दल पर हमले की घटना में भी शामिल रहा है। इस घटना में छह पुलिस जवान और एक वाहन चालक की मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि उसकी पत्नी हिड़मे चेतना नाट्य मंडली की सदस्य है तथा वह पड़ोसी सुकमा जिले की निवासी है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला नक्सलियों के खिलाफ नक्सलियों के लिए रेकी करने, नक्सली विचारधारा को प्रचारित करने और नक्सलियों तथा ग्रामीणों के बीच बैठक आयोजित करने के आरोप हैं। पल्लव ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने पुलिस को बताया कि वह नक्सलियों की खोखली विचारधारा और हिंसा से तंग आकर तथा जिले में चल रहे ‘लोन वर्राटू’ अभियान के मद्देनजर आत्मसमर्पण कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि आत्ससमर्पण करने वाले नक्सलियों को प्रोत्साहन के रूप में 10—10 हजार रूपए की राशि दी गई है। साथ ही राज्य शासन की पुर्नवास नीति के तहत इनकी मदद की जाएगी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिले में पुलिस ने ‘लोन वर्राटू’ अभियान शुरू किया है, जिसका अर्थ ‘‘घर लौट आओ” है। इस अभियान के तहत इनामी नक्सलियों का पोस्टर उनके गांवों और सार्वजनिक स्थानों पर लगाया जा रहा है। नक्सलियों से अपील की जा रही है कि वे लौट आएं। जिले में अभी तक इस अभियान के तहत 53 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। (एजेंसी)