छत्तीसगढ़

Published: May 19, 2020 01:59 PM IST

छत्तीसगढ़अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए 45 ट्रेनों पर सहमति

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

रायपुर. अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों को छत्तीसगढ़ वापस लाने के वास्ते 45 ट्रेनों के लिए सहमति बनी है। वहीं 34,284 श्रमिकों को लाने के लिए लगभग दो करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को यहां बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ से बाहर अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों तथा अन्य लोगों की लगातार वापसी जारी है।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार की पहल पर राज्य और राज्य के बाहर फंसे लगभग तीन लाख लोगों को राहत पहुंचाई गई है। साथ ही राज्य के श्रमिकों को वापस लाने के लिए राज्य सरकारों से समन्वय कर 45 ट्रेनों की सहमति प्रदान की गई है। राज्य के श्रम मंत्री शिवकुमार डहरिया ने बताया कि ‘भवन एवं अन्य सन्ननिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल’ प्रवासी श्रमिकों को वापस छत्तीसगढ़ लाने के वास्ते स्पेशल ट्रेन के लिए विभिन्न रेल मण्डलों को आवश्यक राशि का भुगतान कर रहा है। वर्तमान में 34 हजार 284 यात्रियों को 23 ट्रेनों से वापस लाने के लिए एक करोड़ 99 लाख 58 हजार 360 रुपए का भुगतान किया गया है।

मंत्री ने बताया कि लॉकडाउन के कारण देश के अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के दो लाख 51 हजार 867 श्रमिक तथा 22 हजार 168 अन्य लोगों (कुल 2 लाख 73 हजार 935) ने अब तक वापस आने के लिए ऑनलाईन पंजीयन करवाया है। अन्य राज्य में से छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए लगभग 45 ट्रेनों की सहमति राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई है। अब तक 15 ट्रेनों के माध्यम से लगभग 22 हजार प्रवासी श्रमिकों को वापस लाया जा चुका है। वहीं वाहन और अन्य माध्यमों से लगभग 83 हजार 172 श्रमिक सकुशल अपने गृहग्राम लौट चुके है।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों के फंसे हुए लगभग 30 हजार से अधिक श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजा गया है। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ के भीतर ही 11 हजार से अधिक श्रमिकों को एक जिले से उनके अपने गृह जिलों तक पहुंचाया गया है। मंत्री ने बताया कि अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के दो लाख 51 हजार 867 प्रवासी श्रमिक सहित तीन लाख से अधिक लोगों के लिए भोजन, राशन, नगद, नियोजकों से वेतन तथा रहने और चिकित्सा आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों तथा प्रबंधकों से समन्वय कर (राशन एवं नगद) आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। (एजेंसी)