छत्तीसगढ़

Published: Jul 02, 2020 09:53 PM IST

हड़तालकोयला कर्मचारी संगठनों की हड़ताल शुरू, व्यापक असर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Representational Pic

कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में दक्षिण पूर्व कोयला प्रक्षेत्र लिमिटेड (एसईसीएल) के श्रम संगठनों ने व्यापारिक खनन के विरोध में 72 घंटों की हड़ताल शुरू कर दी है। व्यापारिक खनन के विरोध में श्रम संगठनों के बृहस्पतिवार से शुरू 72 घंटे की देशव्यापी हड़ताल का असर कोरबा जिले में स्थित एसईसीएल की कोयला खदानों पर भी हुआ है। अपनी मांगों को लेकर श्रम संगठनों के नेताओं और श्रमिकों ने आज सुबह से ही खदान, वर्कशॉप, माल चढ़ाने के बिन्दुओं सहित अन्य कार्यालयों की घेराबंदी की और काम नहीं किया। श्रमिकों ने एसईसीएल कोरबा के मानिकपुर कोयला खदान की सेंट्रल वर्कशॉप के सामने जमकर नारेबाजी की।

ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के नेता दीपेश मिश्रा ने बताया कि सयुंक्त श्रमिक संगठन के आह्वान पर शुरू हुई हड़ताल के कारण कोयला खनन ठप है। मिश्रा ने बताया कि कोरबा जिले में 17,000 से भी अधिक कोयला मजदूर हड़ताल में शामिल है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जब तक व्यापारिक खनन के फैसले को वापस नहीं लेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

भारतीय मजूदर संघ के नेता लक्ष्मण चन्द्रा ने बताया कि एसईसीएल के सबसे बड़े प्रोजेक्ट गेवरा में हड़ताल का खासा असर है। वहां लगभग सभी कामगार हड़ताल के समर्थन में हैं और यूनियन का साथ दे रहे हैं। वहीं कुसमुंडा परियोजना में कर्मचारियों की उपस्थिति लगभग नगण्य है तथा दीपका परियोजना में भी हड़ताल सफलता की ओर है। इस संबंध में एसईसीएल के अधिकारियों ने कहा कि हड़ताल के पहले दिन नुकसान का आकलन नहीं किया जा सकता लेकिन यदि हड़ताल तीन दिन तक जारी रही तब एसईसीएल को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। (एजेंसी)