छत्तीसगढ़

Published: Apr 27, 2023 10:55 AM IST

Dantewada Naxal Attackदंतेवाड़ा अटैक : 4 दिन से नक्सली कर रहे थे हमले की तैयारी, डेढ़ किमी तक सुनाई पड़ा ब्लास्ट, 70 मीटर दूर उड़े जवानों के चीथड़े

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Pic: Social Media

नई दिल्ली/दंतेवाडा. जहां एक तरफ छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में बीते बुधवार को बारूदी सुरंग विस्फोट में सुरक्षाबल के 10 जवानों समेत 11 लोगों की मौत की घटना के बाद राज्य के बस्तर संभाग के सभी 7 जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं मिली खबर के मुताबिक क्सली पिछले 4 दिनों से इस हमले की तैयारी कर रहे थे।

4 दिनों से हो रही थी प्लानिंग 

जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) जवानों की गाड़ी को उड़ाने की तैयारी नक्सली बीते 4 दिनों से प्लानिंग कर रहे थे। दरअसल दंतेवाड़ा पुलिस को इंटेलिजेंस से नक्सलियों के मौजूदगी की खबर मिल चुकी थी। दंतेवाड़ा पुलिस के अफसर बड़े अधिकारियों से जवानों को ऑपरेशन पर भेजने की इजाजत मांग रहे थे। हालांकि, मंजूरी मिलने में करीब 2 दिन का वक्त लग गया था।

नक्सल कर रहे थे रेकी 

इन नक्सलियों का DVCM (डिविजनल कमेटी मेंबर) जगदीश बीते 4 दिन से ककाड़ी, नहाड़ी, गोंडेरास के जंगलों में माओवादियों की बैठक ले रहा था। जगदीश के साथ करीब 30 से 35 की संख्या में कई हथियारबंद माओवादी भी मौजूद थे। जो TCOC के दौरान किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए रणनीति बना रहे थे।

वहीं पुलिस के जवानों को बड़ी गाड़ी के जरिए जंगल में छोड़े जाने की खबर नक्सलियों को पहले मिल गई थी। जिसके चलते वे पहले से ही अलर्ट थे। वहीं दोपहर करीब 1:30 से 2 बजे के बीच जैसे ही जवानों को ले जा रही प्राइवेट गाड़ी नक्सलियों द्वारा बिछाए गए IED के ऊपर आई वैसे ही नक्सलियों ने ब्लास्ट कर दिया।

DRG नक्सल के सबसे बड़े दुश्मन 

गौरतलब है कि, इन नक्सलियों ने जिन DRG की प्लाटून नंबर 1 को अपना टारगेट बनाया, ये दंतेवाड़ा की सबसे मजबूत टीम मानी जाती थी। इसमें सरेंडर कर चुके नक्सली भी थे और इसलिए ऐसी टीमों से ही नक्सलियों को सबसे ज्यादा खतरा रहता है।

शहादत देकर चुकानी पड़ी कीमत 

इस भयंकर घटना के समय हुए धमाके की आवाज, इतनी भयंकर थी कि, करीब डेढ़ किमी तक इसकी गूंज सुनाई दी थी। वहीं जवानों और गाड़ी के चिथड़े उड़कर 60-70 मीटर दूर तक पहुंच गए थे। सुरक्षाबलों के 2 अलग-अलग कैंप के बीच नक्सलियों की स्मॉल एक्शन टीम ने यह जबरदस्त हमला किया था। इस तरह देखा जाए तो दंतेवाड़ा जिले में पहली बार एक साथ इतनी संख्या में DRG के जवानों की शहादत दर्ज हुई है।