छत्तीसगढ़

Published: Aug 29, 2021 03:10 AM IST

Tribal Schemeनक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की समस्याओं को समझकर उन्हें सुविधाएं देनी होंगी: मुंडा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

रायपुर: केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की समस्याओं को समझकर उन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराने से इस (नक्सल) समस्या को हल करने में मदद मिलेगी। छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे के समापन पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुंडा ने कहा कि पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम (पेसा) कानून की प्रस्तावना और उसकी भावना को ध्यान में रखते हुए इसको लागू किया जाना चाहिए। 

मुंडा से जब पूछा गया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आदिवासियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के माध्यम से इस समस्या का कैसे समाधान किया जा सकता है, तब उन्होंने कहा कि एक लकीर के आगे कैसे एक दूसरी बड़ी लकीर खींची जाए, इस पर हमें विश्वास है। इस पर नहीं कि हम उस लकीर को मिटाने के लिए परिश्रम करते रहें।

उन्होंने कहा कि जब लोगों की समस्या को समझकर उन्हें सुविधाएं देकर शासन की योजनाओं से उन्हें जोड़ने का प्रयास करेंगे तब यह समस्या ठीक होगी।

राज्य में पेसा कानून के क्रियान्वयन में कमी के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब भी आप कोई काम करते हैं, तब उसके साथ अनुकूल और प्रतिकूल दोनों प्रभाव जुड़े होते हैं।

अधिनियम को लागू करते समय यह हमेशा ध्यान में रखा जाना चाहिए कि अधिनियम की प्रस्तावना और भावना बरकरार रहे। मुंडा ने छत्तीसगढ़ के दौरे को उपयोगी बताया और कहा कि यहां वह यह देखने आए हैं कि आदिवासी समुदाय को मजबूत करने के उद्देश्य से बनाई जा रही केंद्रीय योजनाओं को धरातल पर कैसे लागू किया जा रहा है। 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का उद्देश्य आदिवासियों के जीवन और उनके आजीविका के साधन को और बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के बस्तर में ट्राइफूड पार्क को देश में मॉडल के तौर पर विकसित किया जाएगा। 

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि बाद में केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ उनके शासकीय आवास में बैठक की और विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की।

राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्रीय मंत्री मुंडा से छत्तीसगढ़ को केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ दिलाने का आग्रह किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ में वनोपजों के संग्रहण के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में संचालित योजानाओं की विस्तार से जानकारी दी।