राज्य

Published: Apr 18, 2024 10:20 AM IST

Latur Lok Sabha Election 2024कौन जीतेगा लातूर का किला ! इन उम्मीदवारों में होगा घमासान, लगातार 7 बार के सांसद रहे है शिवराज पाटिल

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
लातूर लोकसभा सीट (सोशल मीडिया)

नवभारत डिजिटल डेस्क: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के मतदान की प्रक्रिया 19 अप्रैल से शुरु होने वाली है वहीं पर हर राज्यों में कड़ी निगरानी के साथ तैयारी हो गई है। इसे लेकर ही महाराष्ट्र के 543 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक नाम लातूर लोकसभा सीट (Latur (SC) Lok Sabha Election 2024) का भी आता है जो महाराष्ट्र राज्य का 16वां सबसे बड़ा शहर है। इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच घमासान देखने के लिए मिलेगा तो वहीं पर 2019 लोकसभा चुनाव का इतिहास दोहरा सकता है।

जानिए लातूर के बारे में

यह महाराष्ट्र राज्य का सबसे बड़ा शहर होने के साथ ही भौगोलिक परिदृश्य पर यह जिला समुद्र तल से 540 से 638 की दूरी पर बालाघाट पठार पर स्थित है। इस निर्वाचन क्षेत्र के आसपास की बात की जाए तो, उत्तर-पूर्व में नांदेड़ जिला, दक्षिण-पूर्व में कर्नाटक के बीदर जिला, दक्षिण-पश्चिम में उस्मानाबाद जिला और उत्तर-पश्चिम में बीड और परभणी जिले आते है। इसके अधीन में भी 6 विधानसभा क्षेत्र आते है। 2011 में की गई जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, यहां लातूर की जनसंख्या 2,080,285 थी. लातूर की औसत साक्षरता दर 72% है, इसमें घट-बढ़ सकता है।

कभी कांग्रेस का गढ़ रही यह सीट

लातूर लोकसभा सीट पर पहले ही कांग्रेस का वर्चस्व बरकरार रहा था उस दौरान लोकसभा के स्पीकर रहे शिवराज पाटिल लातूर लोकसभा से कांग्रेस के टिकट से सांसद बनें। वहीं इतिहास की बात करें तो लातूर लोकसभा सीट पर 1962 में पहली बार चुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेस के तुलसीराम कांबले सांसद निर्वाचित हुए थे. वे लगातार तीन चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर इसी सीट से सांसद चुने गए। ऐसा हुआ कि, 1977 में देश में आपातकाल लगने के वजह से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन कांग्रेस की स्थिति नहीं डगमगाई थी जहां पर फिर एक बार कांग्रेस ने वापसी करते हुए 1980 से 2004 तक लगातार 24 सालों तक शिवराज पाटिल लातूर सीट पर बने रहे। इस दौरान तो शिवराज पाटिल लातूर सीट से 7 बार सांसद भी बने। 2004 के लोकसभा चुनाव में शिवराज पाटिल को हार मिली और सीट पर बीजेपी ने कब्जा कर लिया था लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस फिर लौट आई।

2019 का जनादेश

2019 लोकसभा चुनाव का परिणाम भले ही कांग्रेस के हक में नहीं रहा लेकिन जीत के वोटों में दोनों के बीच कोई अंतर नहीं था। यहां राजनीतिक पार्टियों ने भी लातूर सीट से अपने नए उम्मीदवारों को टिकट दिया था। लोकसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी के सुधाकर तुकाराम श्रंगारे ने जीत हासिल की, उन्हें 6,61,495 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के मच्छिन्द्र कामंत 3,72,384 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे और वीबीए के राम गारकर 1,12,255 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे। यहां पर मतदाताओं की बात करें तो, उनमें से 8,91,618 पुरुष वोटर हैं। महिला मतदाताओं की संख्या 9,95,030 हैं। थर्ड जेंडर के मतदाता 9 हैं। 2019 में कुल वोटरों की संख्या 11,76,542 थी। जिनमें से कुल पुरुष मतदाता 6,25,060 और महिला मतदाता 5,45,401 थीं। 2019 में कुल मतदान प्रतिशत 62.36% था।

भाजपा -कांग्रेस के दोनों उम्मीदवार (Social Media)


2024 के रण में किसका होगा मुकाबला

इस बार लातूर की लोकसभा सीट पर इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की ओर से सुधाकर तुकाराम श्रंगारे (Sudhakar Tukaram Shrangare)का नाम सामने आया है तो वहीं पर कांग्रेस की ओर से डॉक्टर शिवाजी कल्गे (Dr Shivaji Kalge) का नाम सामने आया था। भाजपा के उम्मीदवार सुधाकर तुकाराम श्रंगारे महाराष्ट्र के लातूर निर्वाचन क्षेत्र से 17वीं लोकसभा के सदस्य रहे है जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाई थी। इधर कांग्रेस की ओर से किसी नए चेहरे को उतारने की तैयारी चल रही थी जिसमें डॉक्टर शिवाजी कल्गे को प्राथमिकता देने की खबर थी। यहां पर कल्गे को लेकर कहा जाता है कि डॉक्टर शिवाजी कल्गे का नाम इस बात को ध्यान में रखकर सामने आया कि लिंगायत समुदाय में डॉक्टर की साफ-सुथरी छवि वाला चेहरा राज्य के अन्य हिस्सों में भी पाया जा सकता है।