दिल्ली

Published: Sep 25, 2021 08:40 PM IST

Rape Caseबलात्कार के मामले में LJP सांसद प्रिंस राज को कोर्ट ने दी अग्रिम जमानत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
एलजेपी सांसद प्रिंस राज (Photo Credits-Facebook@PrinceRajPaswan.official )

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने दुष्कर्म के मामले में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के सांसद प्रिंस राज को शनिवार को अग्रिम जमानत दे दी। विशेष न्यायाधीश विकास ढल ने लोजपा सांसद को एक लाख रुपये के मुचलके और इतनी ही रकम का जमानतदार पेश करने पर राहत देते हुए कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा राज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने में ‘असमान्य देरी’ हुई।

न्यायाधीश ने राज को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया और कहा कि वह ‘‘किसी भी तरह से फोन, व्हाट्सएप, ई-मेल, इंस्टाग्राम, फेसबुक, मैसेंजर के माध्यम से शिकायतकर्ता को धमकी नहीं देंगे या उसपर दबाव नहीं बनाएंगे अथवा उनसे संपर्क नहीं करेंगे।” दिवंगत रामविलास पासवान के भतीजे और चिराग पासवान के चचेरे भाई राज लोकसभा में बिहार के समस्तीपुर का प्रतिनिधित्व करते हैं।

अदालत ने अपने 25 पन्नों के आदेश में राज के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि शिकायतकर्ता और उसका पुरुष मित्र 2020 से अपने मुवक्किल को ब्लैकमेल कर रहे थे और जबरन वसूली कर रहे थे। न्यायाधीश ने एक ऑडियो रिकॉर्डिंग का उल्लेख किया जिसमें महिला के दोस्त अमर को फेसबुक पर आरोपी के आपत्तिजनक वीडियो और तस्वीरें अपलोड करने की धमकी देते हुए सुना गया।

अदालत ने यह भी कहा कि एक अन्य ऑडियो रिकॉर्डिंग के टेप से पता चलता है कि कथित पीड़िता ने अमर से कहा था कि उसके और राज के बीच जो कुछ भी हुआ वह ‘‘आपसी समझ और एक-दूसरे की सहमति से हुआ था।” अदालत ने राज की ओर से पेश हुए अधिवक्ता नितेश राणा की दलीलों का उल्लेख किया कि इस तरह की और भी ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग हैं।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘उपरोक्त सभी तथ्यों से पता चलता है कि यह वास्तव में शिकायतकर्ता थी, जो आरोपी को उसकी तस्वीर/वीडियो प्रसारित करके उसे बदनाम करने की धमकी देने की कोशिश कर रही थी और उसने आरोपी द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों की भी पुष्टि की कि उनके बीच सहमति से शारीरिक संबंध बने थे।”

अदालत ने आगे कहा कि कथित घटना के 16-17 महीने बाद और संसद मार्ग थाने में राज द्वारा दर्ज कराई गई एक और प्राथमिकी के तीन महीने से अधिक समय के बाद उसके द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘शिकायतकर्ता द्वारा अपनी शिकायत में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है…इस बारे में कि उसने बलात्कार के कथित अपराध के संबंध में तुरंत पुलिस शिकायत दर्ज क्यों नहीं की।”

दिल्ली पुलिस ने यहां की एक अदालत के निर्देश पर नौ सितंबर को प्रिंस राज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। लोजपा कार्यकर्ता होने का दावा करने वाली महिला ने राज पर उसके बेहोश होने पर बलात्कार करने का आरोप लगाया है। (एजेंसी)