दिल्ली

Published: Jun 25, 2020 10:20 PM IST

दिल्लीकोविड-19 जांच बढ़ाने पर कार्य योजना सौंपे दिल्ली सरकार : दिल्ली उच्च न्यायालय

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नयी दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को यहां आम आदमी पार्टी सरकार को कोविड-19 की जांच बढ़ाने पर एक कार्य योजना सौंपने का निर्देश दिया। साथ ही, अदालत ने कहा कि यह ‘‘जरूरी” है क्योंकि 24 जून को शहर में कोरोना वायरस संक्रमण के सर्वाधिक मामले सामने आये, जो देश में किसी भी स्थान से अधिक है। गौरतलब है कि दिल्ली में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 3,788 नये मामले सामने आए और इसके साथ ही शहर में कोविड-19 मामलों का आंकड़ा 70,000 को पार कर गया। वहीं, इस महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 2,365 हो गई है।

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा, ‘‘दिल्ली में जांच बढ़ाने पर एक कार्य योजना दीजिए। किसी एक दिन में कल (24 जून को) सर्वाधिक मामले (3,788) सामने आने के चलते यह जरूरी है।” पीठ ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह एक हफलनामा भी दाखिल करे, जिसमें रैपिड एंटीजन जांच, 27 जून से प्रस्तावित एंटीबॉडी जांच जैसी प्रत्येक श्रेणी में की गई जांच की संख्या के बारे में जानकारी दी जाए। ”इसके अलावा, पीठ ने केंद्र और दिल्ली सरकार को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा 23 जून को जारी एक परामर्श अपनी-अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराने को भी कहा। दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व अतिरिक्त सरकारी वकील सत्यकाम ने किया। इस परामर्श के तहत निजी अस्पतालों को रैपिड एंटीजन जांच करने की इजाजत दी गई है, जिसके नतीजे 15-20 मिनट में आ जाते हैं।

हालांकि, केंद्र ने कहा कि रैपिड एंटीजन जांच के नतीजे बहुत सटीक नहीं हैं और किसी नेगेटिव रिपोर्ट की पुष्टि आरटी-पीसीआर जांच के जरिये की जाती है, जो कि कहीं अधिक सटीक है। पीठ ने अपने आदेश में दिल्ली सरकार को एक हलफनामा दाखिल कर उपराज्यपाल द्वारा गठित समिति की 23 जून की बैठक में दिये गये सुझावों के अनुपालन का भी उल्लेख करने को कहा है। समिति का गठन दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सलाह देने के लिये किया गया था। समिति ने 23 जून की अपनी बैठक में आंकड़ों के दोहराव, डेटा इंट्री प्रक्रिया की जटिलता, मानव श्रम की कमी और कोविड-19 जांच कर रही निजी प्रयोगशालाओं द्वारा मौके पर नमूने एकत्र करने के दौरान वित्तीय-अव्यवहारिकता जैसी कठिनाइयों पर चर्चा की थी।

दिल्ली सरकार द्वारा दाखिल की गई स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने इन कठिनाइयों से पार पाने के लिये यह सुझाव दिया था कि जांच से जुड़े डेटा सिर्फ आरटी-पीसीआर एप पर एकत्र किये जाएं और इन्हें सिर्फ आईसीएमआर की वेबसाइट पर अपलोड किया जाए तथा डेटा एकत्र करने के लिये किसी अन्य एप का इस्तेमाल नहीं किया जाए। सत्यकाम ने सुनवाई के दौरान अदालत को दिल्ली सरकार के प्रस्तावित एंटीबॉडी जांच के बारे में बताया, जो 27 जून से शुरू होने वाली है। इसके तहत पांच दिनों तक प्रतिदिन शहर के विभिन्न हिस्सों से औचक रूप से रक्त के 4,000 नमूने एकत्र किये जाएंगे और कोविड-19 के खिलाफ शरीर में कोई प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित होने का पता लगाने के लिये उनकी जांच की जाएगी। (एजेंसी)