दिल्ली

Published: Nov 20, 2023 11:11 AM IST

Naresh Kumar Caseउपराज्यपाल ने चीफ सेक्रेटरी को सस्पेंड करने की मांग को नकारा, नहीं मानी केजरीवाल सरकार की रिपोर्ट

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
LG ने नहीं मानी दिल्ली सरकार की रिपोर्ट

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली (Delhi) से मिली बड़ी खबर के अनुसार यहां के मुख्य सचिव नरेश कुमार (Naresh Kumar) के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना (LG Vinay Saxena) ने दिल्ली सरकार (Kejeriwal Goverment) की विजिलेंस रिपोर्ट (Vegilence Report) को स्वीकारने से मना कर दिया है। मामले पर LG ने दिल्ली सरकार की सिफारिश को पूर्वाग्रह से ग्रस्त और योग्यता रहित बताया है।

जानकारी दें की दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejeriwal) ने सतर्कता मंत्री आतिशी (Atishi) की रिपोर्ट उपराज्यपाल सक्सेना को भेजी थी, जिसमें मुख्य सचिव नरेश कुमार पर पद का इस्तेमाल करके बेटे की भागीदारी वाली कंपनी और आईएलबीएस के बीच “लाभप्रद सहयोग”कराने का आरोप लगाया गया था।

इस ततकथित रिपोर्ट में कुमार को निलंबित करने और मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की सिफारिश की गई थी। दरअसल मुख्य सचिव के करीबी सूत्रों ने दावा किया था कि उनके बेटे ने कंपनी और ILBS के बीच किसी भी समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि कुमार के बेटे की कंपनी और ILBS ने 24 जनवरी 2023 को एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। रिपोर्ट में यह दावा था कि ‘‘MOU में कंपनी को इस परियोजना के माध्यम से विकसित किसी भी बौद्धिक संपदा के लिए संयुक्त बौद्धिक संपदा अधिकार दिया गया और इस सहयोग से तैयार होने वाले उत्पाद से भविष्य में होने वाली कमाई के मुनाफे को दोनों के बीच 50-50% बांटने का प्रावधान किया गया।”

इसके साथ ही इस रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि, “ऐसा प्रतीत होता है कि नरेश कुमार ने अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमों का उल्लंघन किया है और अपने पद का इस्तेमाल सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाकर अपने बेटे की कंपनी को लाभप्रद सहयोग उपलब्ध कराने के लिए किया।” साथ ही रिपोर्ट में एमओयू को तुरंत रद्द करने की अनुशंसा भी की गई थी। लेकिन अब इस रिपोर्ट को ही उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने स्वीकारने से साफ़ मना कर दिया है।