गुजरात

Published: Apr 14, 2023 11:49 PM IST

Mohan Bhagwatमोहन भागवत ने विभिन्न जातियों और संप्रदायों के बीच एकता की वकालत की

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
ANI Photo

अहमदाबाद. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने विभिन्न जातियों और संप्रदायों के बीच शुक्रवार को एकता का संदेश दिया। भागवत ने कहा, “पहले हम एक थे, लेकिन हम जातियों के रूप में विभाजित हुए और इस विभाजन को विदेशियों ने और बढ़ा दिया, लेकिन अब देश के विकास के लिए, हमें फिर से एक होना होगा।”

यहां आरएसएस कार्यकर्ताओं को ‘समाज शक्ति संगम’ कार्यक्रम में संबोधित करते हुए भागवत ने संविधान निर्माता डॉ. बी. आर. आंबेडकर को उनकी 132वीं जयंती पर याद किया और कहा कि बाबा साहेब ने कहा था कि समतामूलक समाज से ही देश का विकास होगा। भागवत ने कहा, “आंबेडकर ने कहा था कि हम विदेशी आक्रमणकारियों से हार गए, क्योंकि हम विभाजित थे।”

भागवत ने कहा, “हमने डॉ. बाबासाहेब के नेतृत्व में अपना संविधान बनाया। उस संविधान का जब भारत की संसद में शुरुआत हुई, तब डॉ. बाबासाहेब ने दो भाषण दिए थे वह भाषण स्वयं को योग्य बनाने का प्रथम मार्गदर्शक है। उसको हमें प्रति वर्ष 14 अप्रैल और 6 दिसंबर को पढ़ना चाहिए और उसके प्रकाश में हम चल रहे हैं कि नहीं इसका आत्मचिंतन करना चाहिए।”