मध्य प्रदेश

Published: Dec 12, 2023 05:17 PM IST

MP CM in Ujjain अपने उज्जैन वाले घर में एक रात भी नहीं गुजार पाएंगे MP के CM, महाकाल की नगरी रहता है इस बात का डर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
महाकाल व पूजा करते महेश यादव

उज्जैन : भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में उज्जैन दक्षिण से विधायक डॉ. मोहन यादव को मध्य प्रदेश का नया मुख्यमंत्री चुन लिया है और जल्द ही वह शपथ ले लेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री के रूप कुर्सी पर बैठने के बाद वह अपने घर में एक रात भी नहीं गुजार पाएंगे। ऐसा उज्जैन व महाकाल की नगरी की एक खास मान्यता के कारण करेंगे। ऐसी हिमाकत करने वाला किसी न किसी अनहोनी का शिकार हो जाता है।

महाकाल

 उज्जैन दक्षिणी के विधायक डॉ. मोहन यादव का घर उज्जैन शहर में है और उज्जैन को महाकाल की नगरी माना जाता है। उज्जैन महाकाल की नगरी की सीमा में कोई भी मुख्यमंत्री या वीआईपी रात को निवास नहीं करते हैं। इसके पीछे एक मान्यता है कि अगर कोई भी मुख्यमंत्री या राजा उज्जैन में रात्रि विश्राम करता है तो उसके साथ किसी भी तरह की अनहोनी की आशंका हमेशा बनी रहती है। इसीलिए यहां पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई और भी बड़ा वीवीआईपी आज तक नहीं रुका है। यहां रात में जो भी रुकता है उसकी कुर्सी चली जाती है या उसके साथ कोई अनहोनी हो जाती है। 

ऐसा मानते हैं लोग 
कहा जाता है कि देश के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई महाकाल का दर्शन करने के लिए आए थे और उन्होंने उज्जैन में ही रात्रि विश्राम करने का फैसला किया। इसके अगले दिन ही उनके सरकार गिर गई। कुछ ऐसा ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के बारे में भी कहा जाता है। वह भी इस प्रोटोकॉल का उल्लंघन करके उज्जैन में ठहरे थे और ठीक उसके 20 दिन बाद ही उनको अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके अलावा महाकाल के दर्शन के लिए इंदिरा गांधी भी यहां आईं थीं, लेकिन वह बाहर से ही दर्शन करके लौट गईं। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित तमाम मंत्री यहां पर दर्शन पूजन के लिए आते रहे हैं, लेकिन रात में कभी भी विश्राम नहीं किया। 

ऐसे में नए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव उज्जैन दक्षिण में विधायक निर्वाचित हुए हैं। वह अपने घर पर विश्राम नहीं कर पाएंगे। इस बारे में जब महाकाल मंदिर की पुजारी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मोहन यादव बेटा बनकर इस शहर में निवास कर सकते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री की हैसियत से नहीं रह पाएंगे। यहां पर सिंधिया राजघराने के लोग भी जब आते हैं तो शहर से 15 किलोमीटर दूर ही निवास करते हैं। महाकाल की नगरी में एकमात्र राजा महाकाल ही माने जाते हैं। ऐसे में कोई दूसरा राजा यहां रात्रि विश्राम नहीं कर सकता। सबको मालूम है कि उज्जैन में महाकाल को ही गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। इसके अलावा यहां कोई और इसका हकदार नहीं होता है।