मध्य प्रदेश

Published: Nov 24, 2022 08:45 AM IST

Bharat Jodo Yatraआज MP में 'भारत जोड़ो यात्रा' का दूसरा दिन, राहुल के साथ प्रियंका भी, यात्रा के पहले आपस में भिड़े कांग्रेसी नेता

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नयी दिल्ली. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) से आ रही बड़ी खबर के अनुसार, आज भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का MP (Madhya Pradesh) में दूसरा दिन है। आज यानी गुरुवार सुबह से यह यात्रा खंडवा के बोरगांव में होटल रनवे से शुरू हुई। इस दौरान उनके साथ आज की इस यात्रा में प्रियंका गांधी वाड्रा और सचिन पायलट भी शामिल हैं। यहां सड़क के दोनों ओर राहुल गांधी और भारत जोड़ो यात्रा को देखने के लिए आज ग्रामीणों की भीड़ लगी रही। 

यात्रा शुरू होने के पहले भिड़े कांग्रेसी 

हालांकि, इससे पहले बोरगांव में राहुल गांधी की यात्रा शुरू होने के पहले, कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं में कार्यक्रम के पाइंट को लेकर संशय की स्थिति दिखी । इस बाबत आज बुरहानपुर विधायक और इस रैली के संयोजक सुरेंद्र सिंह शेरा और खंडवा जिले में यात्रा के समन्वयक अवधेश सिसोदिया के बीच यात्रा को लेकर ख़ासी बहस होते दिखी। भारत जोड़ो यात्रा में इस बार मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी शामिल हुए।

साथ में प्रियंका गांधी भी 

गौरतलब है कि, राहुल जब पदयात्रा पर निकलते हैं तो सड़क के दोनों ओर पुलिस कर्मी उनकी सुरक्षा के लिए रस्सियों का सुरक्षा घेरा बनाकर साथ चलते हैं। प्रियंका के यात्रा में शामिल होने के बाद कांग्रेस के उत्साहित कार्यकर्ता भाई-बहन के समर्थन में नारेबाजी करते हुए उनके करीब आने की बार-बार कोशिश करते दिखाई दिए। उन्हें सुरक्षित घेरे से दूर करने के लिए पुलिस कर्मियों को अतिरिक्त मशक्कत करनी पड़ी।   

पायलट और राजस्थान पर संशय 

बता दें कि, राहुल के नेतृत्व में  ‘भारत जोड़ो यात्रा’ मध्य प्रदेश में 380 किलोमीटर का फासला तय करने के बाद आगामी 4 दिसंबर को राजस्थान में प्रवेश करेगी। साथ ही इस बार सचिन पायलट पड़ोसी मध्य प्रदेश में ऐसे समय में यात्रा में शामिल हुए, जब यात्रा के राजस्थान पहुंचने से पहले इस कांग्रेस शासित राज्य में नेतृत्व में बदलाव की मांग एक फिर जोर पकड़ रही है। दरअसल इन पूर्व उप मुख्यमंत्री के समर्थकों ने अब राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के लिए उनके नाम को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।  ऐसे में गहलोत और उनकी सरकार के नेतृत्व पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है।