मध्य प्रदेश
Published: May 08, 2021 02:36 PM ISTDamoh Assembly By-Electionवरिष्ठ भाजपा नेता जयंत मलैया को कारण बताओ नोटिस
भोपाल: मध्य प्रदेश की दमोह विधानसभा उपचुनाव (Damoh Assembly By-Election) में पार्टी प्रत्याशी की हार के बाद भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) (भाजपा) ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में वरिष्ठ पार्टी नेता एवं प्रदेश के पूर्व मंत्री जयंत मलैया (Jayant Malaiya) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उनके बेटे सिद्धार्थ मलैया एवं पांच मंडल अध्यक्षों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है।
भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी ने इस सीट पर अपनी हार के लिए सीधे तौर पर दमोह के वरिष्ठ भाजपा नेता जयंत मलैया (74) एवं उनके परिवार को जिम्मेदार ठहराया था और उनको पार्टी से निष्कासित करने की मांग की थी। दमोह विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सत्तारूढ़ भाजपा के उम्मीदवार राहुल सिंह लोधी को 17,097 मतों से हराया है और इस सीट पर पार्टी की जीत बरकरार रखी।
मध्य प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने शनिवार को बताया, ‘‘दमोह विधानसभा उपचुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में भाग लेने के कारण प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने दमोह जिले के अपने पांच मंडल अध्यक्षों अभाना मंडल के अजय सिंह, दीनदयाल नगर मंडल के संतोष रोहित, दमयंती मंडल के मनीष तिवारी, बांदकपुर मंडल के अभिलाष हजारी और बॉसा मंडल के देवेंद्र सिंह राजपूत तथा प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के जिला संयोजक सिद्धार्थ मलैया को शुक्रवार रात को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है।”
सिद्धार्थ मलैया भाजपा के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया के बेटे हैं और इस सीट पर टिकट की दावेदारी कर रहे थे। हालांकि, उन्हें भाजपा का टिकट नहीं मिल पाया था। पाराशर ने बताया, ‘‘भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के निर्देशानुसार की गई इस कार्रवाई के साथ-साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया को भी दमोह विधानसभा उपचुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।”
जयंत मलैया पूर्व में दमोह विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। दमोह विधानसभा उपचुनाव के लिए 17 अप्रैल को मतदान हुआ था और दो मई को इसके परिणाम आये थे। राहुल सिंह लोधी 2018 में हुए चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गये थे, लेकिन पिछले साल अक्टूबर में उन्होंने विधायक पद इस्तीफा दे दिया था और बाद में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे। इस वजह से यह सीट खाली हो गई थी। इस उपचुनाव में वह भाजपा की टिकट पर लड़े थे। (एजेंसी)