मध्य प्रदेश

Published: Dec 21, 2020 01:02 PM IST

अजब गजब खेतों में साउंड सिस्टम लगाकर फसलों और गायों को सुनाते हैं म्यूजिक, हो रही बंपर कमाई

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

भोपाल. कहते हैं कि संगीत (Music) में बहुत अधिक असर होता है. भारत में तानसेन ने राग दीपक गाकर दीप जलाए थे तो बैजू बावरा ने राग मल्हार गा कर बारिश करवा दी थी. अब तो डॉक्टर भी संगीत चिकित्सा को मान्यता देने लगे हैं, ऐसे में सागर (Sagar farmer) के एक किसान ने अभिनव प्रयोग कर बंपर फसल उगाई है. इस किसान ने अपने 12 एकड़ के फार्म हाउस में म्यूजिक सिस्टम लगाये हैं, खुद के लिए नहीं बल्कि वहां की फसलों, पेड़-पौधों, गायों और जीव-जन्तुओं को संगीत सुनाने के लिए, जिसका अत्यधिक सकारात्मक परिणाम देखा गया है. पहले जिस एक एकड़ के खेत में 50 क्विंटल अदरक की फसल पैदा होती थी, वहीं अब संगीत सुनाकर 65 क्विंटल पैदावार हुई यानी 15 क्विंटल अदरक ज्यादा. युवा किसान आकाश चौरसिया (Akash Chaurasia) सागर से सटे गाँव तीली व कपूरिया में जैविक खेती (Organic farming) करते हैं यहां सबकुछ जैविक उत्पन्न किया जा रहा है. 

प्राणियों पर भी प्रयोग 

चौरसिया का यह प्रयोग यहीं नहीं थमा. उन्होंने केचुओं को भी संगीत सुनाया, जो 10 किलो के केंचुए पहले 1 ट्राली गोबर खाद बनाने में 90 दिन का वक्त लेते थे पर अब रोज रात संगीत सुनकर वही काम महज 60 दिन में कर रहे हैं. ऐसे ही गायें भी ज्यादा दूध देने लगी हैं, गायों का रोज का दूध 4 लीटर से बढ़कर 5 लीटर हो गया है.

फसलों में हुई ग्रोथ 

सागर के ये युवा किसान अपने खेत में हल्दी,अदरक, अरहर और टमाटर जैसी कई फसलें उगा रहे हैं. इन्होंने खेत में एक बड़ा म्यूजिक सिस्टम लगाया है, जो फसल बुवाई से लेकर कटाई तक फसलों को म्यूजिक सुनाता है. आकाश के मुताबिक, उनके इस प्रयोग से फसलों की ग्रोथ अच्छी हो हुई है. फसलों में फल और फूल भी जल्दी व अच्छे हुए हैं. 

लोग दूर-दूर से आते हैं सीखने

दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को आकाश अपने कृषि फार्म पर जैविक खेती का प्रशिक्षण भी देते हैं. राजीव कुमार (Rajiv kumar) ने बताया कि वह आगरा से ट्रेनिंग लेने आए हैं, प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने जैविक खेती के बारे में बहुत कुछ सीखा। हमने यहां आकर जाना कि गाय को भी संगीत सुनाकर पाला जा सकता है। गायों के दूध की मात्रा में भी इजाफा हुआ हैं, साथ ही दूध में भी काफी परिवर्तन देखने को मिल रहा है। मुंबई के योगेश सिंह ने बताया कि मुझे इंटरनेट के माध्यम से आकाश के बारे में जानकारी मिली. हमने यहां बहुत कुछ सीखा. हमने देखा कि म्यूजिक का कैसे जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों पर असर होता है.