अहमदनगर

Published: Jul 10, 2020 05:55 PM IST

सहायता बाबुर्डी घुमट गांव बनेगा डिजिटल विलेज

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अहमदनगर. बाबुर्डी घुमट गांव में स्वयंचलित मौसम सूचना केंद्र की स्थापना हुई तो उपलब्ध होने वाली जानकारी के आधार पर पानी का किफायती इस्तेमाल करने के बारे में किसानों को मार्गदर्शन उपलब्ध होगा. उसी तरह मौसम आधारित  खेती और जलव्यवस्थापन योजनाओं के जरिए कृषि विद्यापीठ द्वारा विकसित आधुनिक तकनीक किसानों तक पहुंचाने में सहायता मिलेगी. इस प्रकल्प के माध्यम से बाबुर्डी घुमट गांव आनेवाले समय में डिजिटल विलेज बनेगा. ऐसा प्रतिपादन महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ के अधिष्ठाता डॉ.अशोक फरांदे ने की.

महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ के मौसम आधारित खेती और जलव्यवस्थापन प्रकल्प के माध्यम से बाबुर्डी घुमट गांव को डिजिटल विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम के शुभारंभ समय पर डॉ. फरांदे बोल रहे थे. योजना के प्रमुख संशोधक डॉ.सुनील गोरंटीवार, सह संशोधक डॉ.मुकुंद शिंदे, कृषि प्रक्रिया विभाग प्रमुख डॉ.विक्रम कड, सेवा संस्था के उमेश लगड, शैलेंद्र आडसुरे, सरपंच जनार्दन माने, उपसरपंच आदि उपस्थित थे.

अधुनिक तकनीक का इस्तेमाल आवश्यक 

 डॉ.फरांदे ने कहा कि फसल बुआई के लिए अधुनिक तकनीक का इस्तेमाल,पानी का किफायती इस्तेमाल, खेती माल को अच्छे दाम मिलने की दृष्टि से बाजार और डिजिटल मार्केटिंग का इस्तेमाल काफी आवश्यक है. डॉ. गोरंटीवार, डॉ. मुकुंद शिंदे ने मार्गदर्शन किया. डॉ.विक्रम कड ने कार्यक्रम का सूत्रसंचालन किया.नारायण माने ने आभार व्यक्त किए. कार्यक्रम के अंत में पेड़ भी लगाए गए.