अहमदनगर

Published: Oct 16, 2020 06:41 PM IST

जरुरीबिखरे समाज को ठीक करने संस्कृति का जतन जरुरी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अहमदनगर. मौजूदा स्थिति में समाज की स्थिति काफी कठिन हो गई है. बिखर गए समाज को ठीक करने के लिए संस्कृति का जतन करना जरुरी है. ऐसा प्रतिपादन स्त्री जन्म का स्वागत करो, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ आंदेलन की प्रणेता डॉ. सुधा कांकरिया ने किया.

 सोडरी निवेदिता प्रतिष्ठान का आयोजन

कर्नाटक राज्य के बेंगलुरू स्थित सोडरी निवेदिता प्रतिष्ठान द्वारा माय वाईस इक्वल फ्युचर (मेरा आवाज, अपना समान भविष्य) इस विषय पर आयोजित आनलाइन वेबिनार में डॉ.कांकरिया प्रमुख अतिथि के रूप में बोल रहीं थी. बेंगलुरू के मशहूर डॉ.आरती कौडिण्य और चक्रवर्ती ने प्रमुख अतिथि के रूप में वेबिनार में भाग लिया. वेबिनार की संयोजिका श्वेता देशमुख ने स्वागत किया. इस वेबिनार में मार्गदर्शन करते डॉ.सुधा कांकरिया ने कहा कि भगिनी निवेदिता की प्रेरणा से कार्यरत संस्था के माध्यम से किया जा रहा कार्य निश्चित ही प्रशंसनीय है.आज स्त्री पुरूष असमानता के कारण समाज बिखर गया है.किसी भी ग्रुप की महिला आज समाज में सुरक्षित नही है.समाज में सकारात्मक परिवर्तन कराने और बिखर गए समाज को ठीक कराने के लिए भारतीय संस्कृति का जतन करना आवश्यक है. डॉ.आरती कौंडिण्य और चक्रवर्ती ने भी इस वेबिनार में मार्गदर्शन किया.एक दिन के इस वेबिनार में देश के विविध शहरों से 17 हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया.