अहमदनगर

Published: Nov 26, 2020 04:06 PM IST

नेत्रदानबुजुर्ग ने किया स्वयं को नेत्रदान

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अहमदनगर. किसी व्यक्ति द्वारा अपने आपको ही नेत्रदान करने की घटना पहली बार अहमदनगर के साई सूर्य नेत्रसेवा में हुई है. एक बुजुर्ग की सालों से खराब हुई आंखों की पुतली निकाल कर वह दूसरी जख्मी आंख को लगाई गई. इससे अब यह बुजुर्ग एक आंख से ही सही, देख पाने में सक्षम हुआ है. यह जानकारी साईसूर्य नेत्रसेवा के संचालक डॉ. प्रकाश कांकरिया ने दी.

डॉ. कांकरिया ने बताया कि 2 महीने पहले उस्मानाबाद जिले के परांडा के निवासी 80 वर्ष के लक्ष्मणराव बोहरे को डॉ. कांकरिया के साईसूर्य नेत्रसेवा में लाया गया था. एक आंख में अनेक सालों से दिमाग से जुड़ी नस खराब होने से उनकी दृष्टि चली गई थी. दूसरी आंख में भी चोट लगने के कारण जख्म होने पर कुछ समय बाद टीक पडने से दृष्टि नही रही. इस कारण लक्ष्मणराव बोहरे पूरी तरह नेत्रहीन स्थिति में जीवन जी रहे थे. ऐसी स्थिति में चिकित्सा करते समय जख्म हुई आंख का पुतली निकालने के सिवा कोई विकल्प नही था.

इस दौरान एक नई कल्पना डॉ. प्रकाश कांकरिया के मन में आयी. उन्होंने सालों से बंद आंख  की पुतली निकालकर जख्म हुई आंख पर नेत्ररोपण करने का निर्णय किया. डॉ. कांकरिया ने सफलता से नेत्ररोपण का आपरेशन करने पर लक्ष्मणराव बोहरे को एक आंख में अच्छी दृष्टि प्राप्त हुई. इस सफलता पर अखिल भारतीय नेत्र विशेषज्ञ संगठन के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. महिपाल सचदेव, आय बैंक असोसिएशन के अध्यक्ष पद्मश्री प्रो. डॉ. जीवन टिटियाल ने डॉ. कांकरिया को इस अनौखे आपरेशन के लिए बधाई देकर उनका अभिनंदन किया.

इस अनौखे आपरेशन के लिए डॉ. अनिल सिंह, डॉ. चिन्मय ब्रह्मे, साईसूर्य नेत्रसेवा की टीम ने विशेष सहयोग दिया. पूरी तरह नेत्रहीन स्थिति के कारण परेशान एक वृध्द को स्वयं के नेत्रदान से एक नई दृष्टि दिलाने में सफलता मिलने पर डॉ. प्रकाश कांकरिया और डॉ. सुधा कांकरिया ने समाधान व्यक्त किया.