अहमदनगर

Published: Oct 24, 2023 06:34 PM IST

Maratha Reservation जरांगे पाटिल का अल्टीमेटम खत्म, फिर अनशन का एलान, शिंदे सरकार की दोहरी मुसीबत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई/ अहमदनगर: मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) ने आरक्षण (Maratha Reservation) पर फैसला लेने के लिए सीएम एकनाथ शिंदे सरकार को 24 अक्टूबर का अल्टीमेटम (Ultimatum ) दिया था। जो मंगलवार को खत्म (Over) हो गया। इसके बाद जरांगे पाटिल ने 25 अक्टूबर को फिर से आमरण अनशन पर जाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अब मैं इस सरकार को एक घंटे का भी समय बढ़ा कर नहीं देने वाला हूं। पाटिल ने मंगलवार को अहमदनगर में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मैंने अहिल्या देवी होल्कर की समाधि स्थल पर जाकर इस सरकार को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की।  इस सरकार ने आज तक हमारा इस्तेमाल किया है। हमने उनका सम्मान बढ़ाया। लेकिन अब हमारे मराठा समाज का सम्मान बढ़ाने का समय आ गया है।  

मराठा-धनगर मिल कर लड़ेंगे
जरांगे पाटिल ने कहा कि अब मराठा-धनगर समाज आरक्षण के लिए मिल कर अपनी लड़ाई लड़ेंगे। वे चौंडी में आयोजित धनगर मेलावा कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आज धनगर समाज तेज गर्मी हो या फिर बारिश, भेड़ चराते हैं। उनका सपना केवल इतना है कि मेरे हिस्से की कठिनाई मेरे बेटे के हिस्से न आए। लेकिन सपना किसी का पूरा नहीं होता।

आरक्षण का सपना टूट गया। हमारा मराठा समाज भी गन्ना काटने के अलावा रात को खेतों में पानी देने जाता है। मराठा और धनगर समाज का दर्द एक जैसा है। ऐसे में अब आरक्षण की लड़ाई हमें मिलकर लड़नी होगी। पाटिल ने कहा कि मराठा और धनगर समाज को यह प्रण लेना चाहिए कि हम आरक्षण लिए बिना पीछे हटने वाले नहीं हैं। अगर यह सरकार विश्वास नहीं खोना चाहती तो दोनों समाज के लोगों को आरक्षण देने के लिए जल्द कदम उठाएं। 

बड़े नेता के रूप में उभरे
हाल के दिनों में जरांगे पाटिल मराठा समाज को आरक्षण दिलाने के लिए संघर्ष करने वाले एक बड़ा नेता  के रूप में उभर कर सामने आए हैं। उनकी सभाओं में लोगों की जबरदस्त भीड़ जुट रही है। इस वजह से राज्य की महायुती सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस बारे में डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने कहा है कि हमारी सरकार मराठा समाज को आरक्षण दिलाने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि इसके लिए थोड़ा संयम रखना होगा।

मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में जल्दबाजी में इसका फैसला नहीं हो सकता है। मराठा समाज के लिए आरक्षण की मांग को लेकर अभी तक 4 लोग आत्महत्या कर चुके हैं। वहीं धनगर समाज के एक युवक ने आरक्षण की मांग को लेकर मौत को गले लगा लिया है।  इस वजह से  महायुति सरकार भारी दबाव में है।