अकोला

Published: Jun 27, 2020 04:44 PM IST

रेलवे विद्युतिकरणशीघ्र पूरा होगा अकोला-पूर्णा रेल मार्ग का विद्युतीकरण

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अकोला. दक्षिण भारत से नांदेड, पूर्णा, अकोला होते हुए उत्तर भारत  जानेवाली ट्रेनों व मालगाड़ियों की संख्या अधिक है, जो हैदराबाद से अकोला तक डीजल इंजन पर दौड़ती है. 

इंजन बदलने लगता है आधा घंटा
अकोला के आगे बिजली करंट होने से अकोला में बिजली पर चलने वाला इंजन मालगाड़ी व ट्रेनों को जोड़ना पड़ता है. जिसमें लगभग आधे घंटे का समय लगता है. लेकिन अब अकोला से पूर्णा लाइन पर 210 कि.मी. लंबी दूरी के विद्युतीकरण के कार्य को गति मिल रही है. बिजली के खंभे खड़े करने का काम शुरू है. आगामी वर्ष तक विद्युतीकरण का काम पूरा होने के बाद डीजल के स्थान पर अब बिजली पर चलने वाला रेल इंजन शीघ्र ही लगने की संभावना है.

दक्षिण-मध्य रेल का अकोला से पूर्णा यह रेल मार्ग ब्रॉडगेज में परिवर्तित होने के बाद इस मार्ग पर गाड़ियों की संख्या काफी बढ़ गई है. अकोला से पूर्णा रेलवे स्टेशनों के बीच विविध रेलवे स्टेशनों पर विद्युतीकरण से संबंधित सामग्री लाकर रखी जा रही है. अकोला से शिवनी, शिवापुर तक कई स्थानों पर बिजली के खंभे भी लगाने का काम तेजी से शुरू है.