अकोला

Published: Dec 22, 2020 09:59 PM IST

अकोलाहिंदू दफनभूमि पर अतिक्रमण कायम - गिनती शुल्क भरकर एक वर्ष बीतने के बाद भी कार्रवाई शून्य

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अकोला. स्थानीय गुलजारपुरा परिसर के हिंदू दफनभूमि की जगह पर अनेकों ने अतिक्रमण कर पक्के घरों का निर्माणकार्य किया है. जिससे दफनभूमि के 13 एकड़ जगह में से केवल 5 से 6 हजार स्क्वेयर फीट जगह बची है. जगह न होने से हिंदू धर्मियों ने दफनविधि कहां करना यह समस्या निर्माण हुई है. इस जगह की गिनती करने के लिए मनपा ने भूमि अभिलेख विभाग की ओर शुल्क भरकर एक वर्ष बीतने के बाद भी अब तक गिनती पूर्ण नही हुई है.

हिंदू समाज के अनेक पंथों में अभी भी मृतदेह का दहन न करते हुए दफन करने की प्रथा है. हिंदू धर्मियों को दफनविधि करने के लिए गुलजारपुरा स्थित दफनभूमि के अलावा दूसरा पर्याय नही है, लेकिन पिछले अनेक वर्षों से वहां पर अतिक्रमण बढ़ता ही जा रहा है. नतीजतन दफनविधि करने के लिए गए अंतिमयात्रा के व्यक्तियों के विवाद होने लगे है. यहां के अतिक्रमणकर्ता दफनविधि करने के लिए आनेवालों को विरोध भी करते है. जिससे एकबार आमनासामना भी हुआ था.

दफनभूमि का अतिक्रमण हटाने के लिए शिवसेना ने महानगर पालिका में आंदोलन किया था. इस अवसर पर मनपा आयुक्त ने अतिक्रमण हटाने का आश्वासन दिया था. लेकिन अभी तक भूमि अभिलेख विभाग व मनपा इन दोनों यंत्रणाओं ने पहल न करने से अतिक्रमण कायम है. 

प्रतिक्रिया- संजय कापडणीस

इस संदर्भ में मनपा आयुक्त संजय कापडणीस से बात करने पर उन्होंने कहा कि दफनभूमि के जगह की गिनती करने के लिए भूमि अभिलेख विभाग की ओर शुल्क का भुगतान किया है. भूमि अभिलेख विभाग ने उस जगह पर निशान करवाकर देने पर अतिक्रमण हटाने के कार्य को तुरंत शुरुआत की जाएगी.