अकोला

Published: Apr 13, 2021 11:16 PM IST

अकोलाजंगलों में बढ़ता मानव अतिक्रमण, जंगल और वन्यजीवों के लिए खतरनाक

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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पातुर. पातुर वनक्षेत्र में घना जंगल है. जंगल में विभिन्न प्रजातियों के पेड़ों और सागौन के पेड़ों से संपन्न है. यह वन्यजीवों का घर है और उनकी सुरक्षा के लिए वन विभाग द्वारा उपाय किए जा रहे हैं. लेकिन वनक्षेत्र में मानव का बढ़ता अतिक्रमण जंगली जानवरों को गांव की मानव बस्ती की ओर तथा किसानों के खेतों में जाने को मजबूर किया जा रहा है. चोरी छुपे पेड़ों को काटनेवाले लकड़ी चोर और विरोधी -असामाजिक तत्व पेड़ों को मारने और जलाने के लिए जंगल में आग लगा रहे हैं.

हर साल लाखों के वन संसाधन नष्ट हो रहे हैं और जंगली जानवर भी मारे जा रहे हैं. जंगल सुरक्षा तथा जंगली जानवरों की सुरक्षा करने के लिए वन विभाग द्वारा गांव गांव जाकर ग्रामीणों को प्रेरित करने के लिए वन विभाग को ग्रामीणों को जागरूक करने की जरूरत है. पातुर – बालापुर और पातुर- मालेगांव मार्ग तथा पातुर- अकोला रोड पर ग्राम नांदखेड फाटे के समीप सड़क पार करते समय दुर्घटनाओं में जंगली जानवरों की मौतों की बढ़ती संख्या रोकने के लिए वन विभाग ने सड़क पर चलनेवाले वाहनों की गति को नियंत्रित करने और वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम को लागू करने का निर्णय लिया है.

इसके लिए वनक्षेत्र से आरक्षित वन से गुजरने वाली सड़क पर वाहनों की गति कम करने के लिए होर्डिंग लगाने का निर्णय लिया गया. लेकिन राष्ट्रीय महामार्ग तथा समृद्धि महामार्ग के रास्ते का निर्माण कार्य शुरू होने से रास्ते की सीमा बढ़ गई है. रास्ते की दोनो बाजू किसानों के खेत में गई है. महामार्ग का निर्माण कार्य पूरा जब तक नही होता है. तब तक यह मुहिम रुकी हुई है. वन विभाग और राष्ट्रीय राजमार्गों को संयुक्त रूप से होर्डिंग लगाने की आवश्यकता है.

वर्तमान में गर्मी का मौसम है. वन विभाग को वन्यजीवों के लिए कृत्रिम कुओं और कुत्रिम तालाब का निर्माण करने की आवश्यकता है. जंगली जानवर पानी के लिए घूम रहे हैं और राष्ट्रीय राजमार्गों को पार करने की कोशिश कर रहे हैं. पानी के लिए भटक रहे है. कृत्रिम कुओं और कृत्रिम तालाबों से वन्यजीवों को पीने का पानी मिलेगा.

जो उनके घूमने पर प्रतिबंध लगेगा वही घायल जंगली जानवरों के लिए वनक्षेत्र में ग्राम मालराजुरा फाटे समीप पर्यटन स्थल है. उसी जगह में दुर्घटना में घायल होनेवाले वन्यजीवों पर इलाज हेतु एक अच्छी तरह से सुसज्जित वन्यजीव उपचार केंद्र पर्यटक स्थल पर बनाकर एक अनुभवी चिकित्सक की नियुक्ति की आवश्यकता होने की मांग जंगल प्रेमी कर रहे है.