अकोला

Published: Dec 28, 2020 09:20 PM IST

अकोलाकंपनी की तरह चलाएं दूध का व्यवसाय - डा.एस.पी. गायकवाड़

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अकोला. दुग्ध व्यवसाय चलाते समय, युवाओं को आधुनिक प्रौद्योगिकी और प्रसंस्करण का उपयोग करके विभिन्न दुग्ध उत्पाद बनाकर इसे एक कंपनी के रूप में चलाना चाहिए, यह प्रतिपादन पशु विशेषज्ञ व उद्योजक गोविंद डेअरी फलटण जि.सातारा के महाव्यवस्थापक डा.एस.पी. गायकवाड़ ने किया. महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ एनिमल एंड फिशरीज साइंसेज, नागपुर, पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज, कृष्णनगर, अकोला की ओर से 21 से 25 दिसंबर तक एक ऑनलाइन आधुनिक डेयरी उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस कार्यशाला के उद्घाटक के रूप में वे बोल रहे थे.

कार्यशाला में कम खर्च में शास्त्रशुद्ध पद्धति से दुग्ध व्यवसाय उद्योजकता विकास कैसे करें इस संदर्भ में राष्ट्रीय व आंतर्राष्ट्रीय स्तर के विविध विशेषज्ञों ने मार्गदर्शन किया. उद्घाटन पशु विशेषज्ञ व उद्योजक गोविंद डेअरी फलटण जि.सातारा के महाव्यवस्थापक डा.एस.पी. गायकवाड़ के हाथों किया गया.

अध्यक्षता संस्था के सहयोगी अधिष्ठाता प्रा.डा.अनिल भिकाने ने की. प्रमुख अतिथि उद्गीर के सहयोगी अधिष्ठाता डा.माधव पाटिल, आईडीबीआई बैंक नागपुर के व्यवस्थापक डा.नंदकिशोर अकोटकर उपस्थित थे. प्रशिक्षण में विविध विषयों पर डा.शैलेश मदने-मुंबई, डा.चंद्रप्रकाश खेड़कर-वरूड, डा.साईनाथ भोकरे-सातारा, डा.अजय खानविलकर-सातारा, डा.विजय केले-गुजरात, डा.प्रफुल्ल पाटिल-छत्तीसगड़, डा.आरीफ शेख-संगमनेर, डा.संदीप रिंधे-परभणी, डा.वैभव लुले-वरूड, प्रा.डा.अनिल भिकाणे, डा.अभय कुलकर्णी, मुकुंद गिरी, डा.प्रशांतकुमार कपले-अकोला ने मार्गदर्शन किया. प्रास्ताविक भाषण प्रशिक्षण के समन्वयक डा.प्रशांतकुमार कपले ने किया. समापन अवसर पर संस्था के सहयोगी अधिष्ठाता डा.अनिल भिकाने, प्रा.डा.प्रशांत वासनिक, अधिष्ठाता, दुग्ध तंत्रज्ञान, मपमविवि, नागपुर, प्रा.डा.नितिन मार्कडेंय, सहयोगी अधिष्ठाता, परभणी व डा.संतोष शिंदे उपस्थित थे.

प्रशिक्षण में महाराष्ट्र के साथ साथ कर्नाटक राज्य के 51 विविध क्षेत्र के उद्योजक, किसान, पशुपालक, दुग्ध व्यावसायी, कृषि स्नातक, अभियंता, डॉक्टर्स, सुशिक्षित बेरोजगार युवक व बचत समुह की महिलाओं ने हिस्सा लिया. सफलतार्थ समन्वयक डा.प्रशांतकुमार कपले, सह समन्वयक डा.दिलीप बदुकले, डा.गिरीश पंचभाई, डा.मोहिनी खोडके, डा.कुलदीप देशपांडे, डा.मंगेश वड्डे, डा.नरेश कुलकर्णी व गजानन वाघ ने प्रयास किए.