अकोला

Published: Oct 19, 2021 09:51 PM IST

Sharad Purnimaशहर तथा जिले में शरद पूर्णिमा बहुत उत्साह से मनाई, लोगों ने अपने अपने घरों में किए आयोजन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अकोला. शहर तथा जिले में लोगों ने शरद पूर्णिमा बहुत उत्साह से मनाई. शरद पूर्णिमा हर साल अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाई जाती है. वैसे तो शरद पूर्णिमा पर रात्रि के समय मां लक्ष्मी की पूजा करने का प्रावधान है. यह दिन मां लक्ष्मी को खुश रखने के लिए बेहद खास माना जाता है.

इसी तरह धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा से अमृतमयी किरणों का आगमन होता है और इन किरणों में कई तरह के रोग नष्ट करने की क्षमता होती है. इसीलिए लोग दूध उबालकर रात को खुले में रखते हैं तथा चंद्रमा की रोशनी के नीचे, घर के टेरिस पर दूध रखकर फिर उसे पिया जाता है.

इस अनुसार शरद पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन चंद्रमा की रोशनी सबसे तेज होती है. कई जगह खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखकर लोग उसे खाते हैं. चांदी के बर्तन में खीर रखकर खाने का भी अपना एक महत्व है. यह दूध और खीर खाने के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है ऐसी भी मान्यता है.

लोगों ने की शरद पूर्णिमा की तैयारियां लोगों में शरद पूर्णिमा का अपना एक अलग महत्व है. बड़ी संख्या में लोग खुले में दूध उबालने के लिए रख देते हैं. देर रात 12 बजे साहित्य या संगीत के घरेलू कार्यक्रमों का भी आयोजन करते हैं. देर रात सभी लोग खुले में चांदनी रात में रखा हुआ शीतल दूध पीते हैं. इसी तरह कई लोग दूध की खीर भी बनाते हैं. और शरद पूर्णिमा का त्यौहार बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है.

शहर में जमकर हुई दूध की बिक्री आज शहर भर में दूध की काफी बिक्री हुई. जहां एक ओर पैकेट के दूध बिके वहीं खुले दूध को लोगों ने प्राथमिकता दी. शहर की अनेक दूध डेअरियों में दूध खरीदने के लिए लोगों की काफी भीड़ देखी गयी. इस बारे में सिंधी कैम्प में स्थित पाटिल दूध एन्ड स्वीट्स इस प्रतिष्ठान के संचालक गोविंद पाटिल महल्ले से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि लोग सामने का निकाला हुआ भैंस का शुद्ध दूध काफी पसंद करते हैं.

वैसे भी हमारे यहां हमेशा शुद्ध दूध उपलब्ध रहता है. उन्होंने बताया कि आज दूध के साथ साथ केसर और दूध मसाले की भी काफी बिक्री हुई है. इसी तरह हमारे यहां तैयार की गयी मिठाइयों को भी लोगों ने आज काफी पसंद किया है.