अकोला

Published: Jun 26, 2021 09:45 PM IST

अकोलाजिले में सोयाबीन फसल की बुआई अधिक, दूसरे स्थान पर कपास की बुआई

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अकोला. मृग नक्षत्र में हुई बारिश में जिले के तकरीबन 30 प्रतिशत खरीफ फसल की बुआई हुई है. एकओर बारिश की प्रतीक्षा तो दूसरी ओर समय निकलजाने के डर से किसानों में चिंता का वातावरण निर्माण हो गया है. इस चिंता में भी किसानों ने फसल की बुआई की है. प्रतिदिन बारिश का वातावरण निर्माण होने से किसान बुआई के लिए लगा है.

इस दौरान जिले में पिछले दशक से जिले में कपास की फसल पीछे गिरकर सोयाबीन की अधिक बुआई बढ़ गई है. बुआई के प्रारंभ में ही सोयाबीन की बुआई की जाती है. जिससे अब तक सर्वाधिक 27,000 हेक्टेयर पर सोयाबीन की बुआई हो गई है. तथा 16,000 हेक्टेयर पर कपास की बुआई होकर दूसरे स्थान पर रही है.

उसके बाद उड़द, मूंग, ज्वार आदि फसल का क्षेत्र हर वर्ष की तरह ही है. इस बार सोयाबीन के बीज की कमी और अधिक दाम होने के बावजूद भी किसानों ने सोयाबीन को पसंद किया. तथा कपास को दूसरा स्थान दिया. जिससे कुछ समय पहले कॉटन बेल्ट के नाम से पहचाना जानेवाला अकोला जिला अब सोयाबीन बेल्ट के रुप में उभर रहा है.

फसलस्तरीय बुआई

इस दौरान जिले में फसलस्तरीय बुआई में सोयाबीन फसल में 26,414 हेक्टेयर क्षेत्र में 12 प्रतिशत बुआई हुई है. इसी तरह से कपास फसल में 15,903 हेक्टेयर क्षेत्र में 10 प्रतिशत, तुअर फसल में 5,929 हेक्टेयर क्षेत्र में 11 प्रतिशत, उड़द फसल में 882 हेक्टेयर में 5 प्रतिशत, मूंग फसल में 1,074 हेक्टेयर क्षेत्र में 5 प्रतिशत, ज्वार फसल में 495 हेक्टेयर क्षेत्र में 4 प्रतिशत, मक्का फसल में 34 हेक्टेयर क्षेत्र में 10 प्रतिशत तथा तिल फसल में 14 हेक्टेयर क्षेत्र में 1 प्रतिशत बुआई हुई है.