अकोला

Published: Nov 11, 2021 10:20 PM IST

ST Strikeएसटी कर्मियों की हड़ताल अभी भी शुरू, 20 कर्मचारी निलंबित

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अकोला. एस.टी. महामंडल के अधिकारियों तथा कर्मचारियों की हड़ताल आज पांचवे दिन भी जारी रही. आज अकोला डिपो से एक भी बस छोड़ी नहीं गयी है. जिसके कारण सर्वाधिक तकलीफ यात्रियों को हो रही है. अभी भी यात्री आशा लेकर बस स्टैंड पर आते हैं कि शायद उन्हें एसटी बस मिल जाए. जिले के पांचों एसटी बस डिपो में एसटी कर्मियों की हड़ताल लगातार जारी है. यह उल्लेखनीय है कि जिले के अनेक गांव ऐसे हैं जहां पर लोग पूरी तरह से एसटी बस सेवा पर ही निर्भर हैं.

ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को काफी तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है. एसटी महामंडल का राज्य सरकार में विलीनीकरण किया जाए इस मुख्य मांग को लेकर एसटी कर्मियों द्वारा यह हड़ताल शुरू की गयी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक एसटी की अकोला विभाग की 4 हजार 400 से अधिक बस सेवाएं रद्द हो गयी हैं.

जिसके कारण करीब डेढ़ करोड़ रूपयो की एसटी महामंडल की आमदनी को धक्का लगा है. फिर भी इस ओर एसटी महामंडल के अधिकारियों और कर्मियों का ध्यान नहीं जा रहा है. एसटी महामंडल के इस हड़ताल के दौरान सरकार ने यात्रा के लिए स्कूल बसेस, माल वाहक आदि को यात्री परिवहन के लिए मान्यता दी है.

जैसे ही एसटी महामंडल के कर्मियों की हड़ताल समाप्त होगी यह मान्यता रद्द हो जाएगी. फिर भी इस समय अन्य वाहनों ने किराया बहुत अधिक बढ़ा दिया है. यात्रियों से मनमाने पैसे वसूले जा रहे हैं, जिसके कारण यात्रियों को अधिक दाम देकर यात्रा करनी पड़ रही है. इस तरह सर्वाधिक तकलीफ यात्रियों को ही हो रही है. 

उकसाने पर 20 एसटी कर्मचारी निलंबित

प्रशासन की अनुमति लिए बिना एसटी महामंडल कर्मचारियों ने हड़ताल का आह्वान किया. जिससे एसटी कर्मचारी काम पर अनुपस्थित रहने के कारण एसटी महामंडल का यातायात बाधित हो गया. इसी तरह जनमानस में एसटी महामंडल की प्रतिमा धूमिल हो गयी, यह प्रकार राज्य परिवहन निगम के लिए हानिकारक है. इसे देखते हुए रापनि के अन्य कर्मचारियों को उकसाने पर 20 एसटी कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई की गयी है. निलंबन सूची में अकोला विभाग, रिसोड डिपो के 10 और मंगरुलपीर डिपो के 10 कर्मचारी शामिल हैं.

यात्रियों की लूट राज्य सरकार रोके-विधायक गोवर्धन शर्मा

एसटी महामंडल के कर्मचारी हड़ताल पर हैं. निजी बस किराए में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गयी हैं. जिससे यात्रियों की लूट हो रही है, इसे रोकने के लिए परिवहन विभाग और राज्य सरकार क्या कर रहा है? यह सवाल भाजपा के वरिष्ठ विधायक गोवर्धन शर्मा ने उठाया. उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या राज्य सरकार ने आम आदमी को लूटने की इजाजत दी है. विधायक गोवर्धन शर्मा ने कहा कि सरकार निजीकरण के लिए कदम उठा रही है. नेताओं द्वारा निजी बसों में बड़ी कंपनियां स्थापित कर भारी निवेश करने का संदेह आम नागरिकों के मन में एक प्रश्नचिह्न बन गया है. विधायक गोवर्धन शर्मा ने मांग की है कि आरटीओ परिवहन विभाग ध्यान दे और आम आदमी को राहत प्रदान करने का प्रयास करें. 

एस.टी. की विश्वसनीयता बरकरार रखें -विजय मालोकार

एसटी कामगार सेना के महाराष्ट्र प्रदेश के कार्याध्यक्ष विजय मालोकार से बातचीत करने पर उन्होंने कहा कि लाकडाउन के समय में जब एसटी बसें बंद थी तब लोगों ने अन्य वाहनों से अपना आवागमन किया है. अब जाकर एसटी बसें शुरू हुई हैं. ऐसे समय में एसटी महामंडल के अधिकारियों तथा कर्मियों का काम है कि वे यात्रियों के लिए एसटी की विश्वसनीयता को बरकरार रखें और अपना कर्तव्य पूरा करते हुए अपना काम करें.

उन्होंने कहा कि एसटी महामंडल का सरकार में विलीनीकरण करना एक प्रोसेस है जिसके लिए 12 हफ्तों का समय दिया गया है. इस विषय को लेकर हड़ताल करना ठीक नहीं है. इस हड़ताल के कारण आम यात्रियों को असुविधा और तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है, यह ठीक नहीं है. अधिकारियों तथा कर्मियों ने अपना कर्तव्य याद रखते हुए अपना काम करना चाहिए.