अकोला

Published: Aug 03, 2020 11:55 PM IST

Development कब होगा नरनाला किले का विकास, निधि मिली लेकिन काम शुरू नहीं

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

-दिनेश कुमार शुक्ल

अकोला. अकोला जिले की अकोट तहसील में सतपुड़ा के पर्वतों पर स्थित ऐतिहासिक नरनाला किला एक दर्शनीय स्थान है. लेकिन किले की स्थिति अच्छी नहीं है. हाल ही में महाराष्ट्र सरकार के बजट में इसके लिए कुछ निधि का प्रावधान किया गया है लेकिन अभी तक शुरुआत नहीं हुई है. सतपुड़ा के हरे भरे जंगलों के बीच नरनाला एक बहुत ही सुंदर स्थान है. प्राप्त जानकारी के अनुसार तेरहवीं शताब्दी में पांडवों के वंशज नरेंद्र पुरी हस्तिनापुर के राजा द्वारा इस किले का निर्माण किया गया था. अकोट से करीब 28 किमी दूरी पर 392 एकड़ जमीन के प्रांगण में यह किला फैला है. इस किले से लगकर पूर्व की तरफ जाफराबाद तथा पश्चिम की तरफ तेलीयागढ़ दो किले भी हैं. इस किले पर 360 बुर्ज तथा मीनारें भी हैं. 

आसपास फैले हैं 52 तालाब
यहां किले से लगकर 52 तालाब हैं जो दूर-दूर तक फैले हैं.  नगाड़खाना, अंबर बंगला, विशाल तीन तोपें, प्राचीन देवताओं की मूर्तियां, रानी महल, हेम कुंड के साथ-साथ देखने लायक प्राचीन इमारतें भी हैं. किले में जब प्रवेश करते हैं, शाहनूर, दिल्ली, अकोट तथा शिवपुर इस तरह के चार विशाल दरवाजे हैं. किले में कुल 22 दरवाजे  हैं. इन दरवाजों की ऊंचाई 37 फीट के लगभग है. इसी तरह इन दरवाजों की चौड़ाई 10 फीट 3 इंच के लगभग हैं. 

रानी महल की स्थिति खराब
यहां के जंगलों में विविध प्रकार के पेड़ व वनौषधियां भी हैं. यहां स्थित रानी महल की स्थिति भी खराब हो रही है. एक समय था जब यहां नरनाला महोत्सव आयोजित किया जाता था. यहां आने जाने के लिए बस उपलब्ध करवाई जाती थी. अब नरनाला महोत्सव भी बंद कर दिया गया है. वन विभाग द्वारा वन्य प्राणियों को लेकर सुरक्षा बरती जा रही है. इस क्षेत्र में शांतिवन अमृततीर्थ, पोपटखेड़ बांध, ठाकुरवाड़ी, सुरई वाटरफाल, हाई प्वाइंट के साथ-साथ किला परिसर क्षेत्र को पूरी तरह से विकसित किया जा सकता है. यह नरनाला किला अकोला से करीब 70 कि.मी. की दूरी पर है.

यह क्षेत्र अकोला के करीब एक बहुत अच्छे और आकर्षक पर्यटन स्थल के रुप में विकसित किया जा सकता है. यह किला सतपुड़ा पर्वत पर काफी ऊंचाई पर स्थित है. उपर किले तक जाने के लिए सड़क है. लेकिन सड़क की स्थिति बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती है. इस ओर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है. जिले के पालकमंत्री बच्चू कडू इसी तरह जिलाधिकारी जीतेंद्र पापलकर ने कुछ दिनों पूर्व नरनाला परिसर का मुआयना भी किया है. पालकमंत्री से लोगों की काफी अपेक्षाएं हैं.

सुविधाएं उपलब्ध करवाएं -बरेठिया
 अकोट के पूर्व नगराध्यक्ष रामचंद्र बरेठिया का कहना है कि यदि अकोट से किले तक सड़क का पूरी तरह नवीनीकरण किया जाए और नरनाला क्षेत्र में लोगों के लिए सुविधाएं उपलब्ध की जाए तो यह एक बहुत ही सुंदर पर्यटन स्थल बनाया जा सकता है.